नई दिल्ली. भारत, चीन या कोई और… एशिया में किसकी बादशाहत है? इस बात को लेकर हमेशा बहस छिड़ी रहती है. अब एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हो गया है कि अमेरिका और चीन के बाद भारत एशिया में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र है. ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट के ‘एशिया पावर इंडेक्स’ (एपीआई) के 2024 एडिशन में, भारत 100 में से 39.1 के स्कोर के साथ जापान को पछाड़कर एशिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. एपीआई ने ऑस्ट्रेलिया को एशिया में पांचवां सबसे शक्तिशाली राष्ट्र माना है.
यह एपीआई ऐसे समय में जारी किया गया है, जब चीन दक्षिण पूर्व एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में अपना आक्रामक रवैया दिखा रहा है. ड्रैगन की विस्तारवादी आक्रामकता और अधिकार करने के मंसूबों का मुकाबला करने के लिए ही भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड के तहत भागीदारी की है. एपीआई के अनुसार, भले ही संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर है, लेकिन सैन्य शक्ति के मामले में चीन एशिया में आगे है, जबकि उसकी अर्थव्यवस्था स्थिर हो गई है.
भारत की बढ़ने की गति उम्मीद से धीमी
जबकि भारत ने जापान को पछाड़कर एशिया में तीसरा स्थान हासिल कर लिया है, लेकिन एपीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की वृद्धि उम्मीद से धीमी रही है. रिपोर्ट के अनुसार, मलक्का जलडमरूमध्य (Malacca Strait) के पूरब में अपना प्रभाव स्थापित करने के मामले में भारत के पास बहुत-सी ऐसी ताकते हैं, जिसका उसने अब तक इस्तेमाल नहीं किया है. एपीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि फैक्ट यह है कि भारत का असर उसके संसाधनों द्वारा वादा किए गए स्तर से काफी नीचे है, जो दिखाता है कि एक प्रमुख शक्ति के रूप में आगे बढ़ने के लिए उसके पास अभी भी काफी क्षमताएं हैं.
भारत की रैंकिंग में वृद्धि होने के बावजूद, 2018-23 के दौरान एपीआई के ओवरऑल पावर स्कोर में कमी आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का कूटनीतिक स्कोर बढ़ा है, लेकिन क्षेत्र में आर्थिक संबंध कमजोर बने हुए हैं. थिंक टैंक के मुताबिक, “एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत का निम्न-स्तरीय आर्थिक एकीकरण और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों में कमजोर भागीदारी का मतलब है कि यह ट्रेंड जारी रहने वाली है.”
रिपोर्ट की मेन ऑथर सुज़ाना पैटन ने ऑस्ट्रेलिया के एबीसी न्यूज़ को बताया कि क्षेत्र में भारत की मज़बूत आर्थिक वृद्धि और सशक्त कूटनीति ने उसकी स्थिति को मज़बूत किया है. हालांकि, अभी भी इसकी दिशा पर सवालिया निशान हैं. पैटन ने कहा, “भारत के बारे में नजरिया यह है कि देश मज़बूती से बढ़ रहा है और इसका कूटनीतिक प्रभाव बढ़ा है, लेकिन ज़्यादा निराशाजनक आकलन यह है कि वे अभी भी क्षेत्र के साथ अपने आर्थिक संबंधों में पिछड़ रहे हैं.”
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 18:26 IST