चीन के एआई से घबराया अमेरिका, अपने फौजियों को दे दी सख्त हिदायत

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Last Updated:January 30, 2025, 13:25 IST

अमेरिका ने चीन के एआई मॉडल डीपसीक पर प्रतिबंध लगाया है और अपनी नेवी को इसे न इस्तेमाल करने की सख्त हिदायत दी है. यूरोकंज्यूमर्स ने डीपसीक के डेटा उपयोग पर सवाल उठाए हैं. डीपसीक चैटजीपीटी जैसा है और फ्री में उपल...और पढ़ें

चीन के एआई से घबराया अमेरिका, अपने फौजियों को दे दी सख्त हिदायत

डीपसीक चीन द्वारा निर्मित जेनेरेटिव एआई है.

हाइलाइट्स

  • अमेरिका ने डीपसीक पर प्रतिबंध लगाया.
  • यूएस नेवी को डीपसीक का उपयोग न करने की हिदायत.
  • यूरोकंज्यूमर्स ने डीपसीक के डेटा उपयोग पर सवाल उठाए.

नई दिल्ली. डीपसीक जितनी से चर्चाओं में आया उतनी ही तेजी से इस पर अलग-अलग देशों की निगाह पर तिरछी हो रही है. चूंकि, डीपसीक चीन का उत्पाद है तो यह उम्मीद की जा रही थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) जरूर इसके खिलाफ जाएगा और ऐसा ही हुआ. अमेरिका ने अपनी नेवी को सख्त हिदायत दी है कि वे डीपसीक का इस्तेमाल न करें. यूएस नेवी ने डीपसीक पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह चेतावनी डीपसीक द्वारा एक नए एआई मॉडल R1 की रिलीज के बाद जारी की गई है.

इस कथित ईमेल में अमेरिकी नेवी ने अपने सैनिकों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इसे इंस्टॉल, डाउनलोड या किसी भी तरीके से इस्तेमाल न करें. नेवी ने एआई के संबंध खुद की ही एक पॉलिसी के तहत यह निर्देश जारी किया है. ईमेल में नेवी ने कहा, “हम एक नए एआई मॉडल डीपसीक की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.” ईमेल के अनुसार, किसी भी पेशेवर काम के लिए डीपसीक का इस्तमेला अनिवार्य रूप से वर्जित है.

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डीपसीक के खिलाफ पहली शिकायत
यूरोपियन कंज्यूमर ग्रुप्स के एक संगठन यूरोकंज्यूमर्स ने डीपसीक के खिलाफ पहली शिकायत दर्ज की है. यूरोकंज्यूमर्स ने इटली की डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी (DPA) के साथ मिलकर डीपसीक के डेटा यूज के तरीकों पर सवाल खड़े किए हैं. यह किसी निगरानी रखने वाली एजेंसी की डीपसीक पर पहली बड़ी कार्यवाही है. डीपीए ने डीपसीक को पत्र लिख इस मामले में और जानकारी मांगी है कि वह पर्सनल डेटा का इस्तेमाल किस तरीके से करते हैं.

क्या है डीपसीक?
डीपसीक चीन द्वारा निर्मित चैटजीपीटी जैसा ही एआई जेनेरेटिव मॉडल है. यह कुछ ही दिनों में काफी पॉपुलर हो गया है. इसके लोकप्रिय होने की सबसे बड़ी वजह है इसका पूरी तरह से फ्री होना. इसके इसे कई साल पहले खरीदी गईं जीपीयू चिप्स की मदद से केवल 60 लाख डॉलर में बना दिया गया है. वहीं चैटजीपीटी को बनाने में अरबों डॉलर के खर्च का दावा किया जाता है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

January 30, 2025, 13:25 IST

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