बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
समस्तीपुर : भले ही गंगा का जलस्तर घट रहा हो, लेकिन समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का असर अभी भी बना हुआ है. यहां के निवासियों को हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. चपरा गांव के जिम्मेदार राय कहते हैं, ‘पिछले 15 दिनों से हमारे घर में बिजली नहीं आई है. बाढ़ के पानी ने बिजली के खंभों को गिरा दिया है.’ बिजली न होने के कारण न केवल उनकी रातें अंधेरे में बीत रही हैं, जबकि खाना बनाने में भी दिक्कत हो रही है. उनके घर में चूल्हे में पानी घुस गया है, जिससे भोजन तैयार करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में उनका परिवार चुरा मीठा और सत्तू के सहारे दिन बिता रहा है.
स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्हें बाढ़ के पानी से बहुत परेशानी हो रही है.’हमारे पास न तो सही खाना है और न ही कोई उचित साधन,’ एक अन्य निवासी ने कहा. उन्होंने यह भी बताया कि कई लोग स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि साफ पानी और उचित खानपान की कमी है. गांव के लोग अब सरकार से सहायता की उम्मीद कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द राहत सामग्री और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं. इस स्थिति में, समुदाय की एकता और समर्थन महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी आवाज़ें सुनने वाला कोई नहीं है.
क्या कहते हैं बाढ़ प्रभावित लोग
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र डुमरी दक्षिणी पंचायत के निवासी विजय राय ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उनके घर की छत पर रहना पड़ता है क्योंकि नीचे पानी भरा है. कहीं जाने के लिए उन्हें पानी में तैरकर जाना होता है. प्रतिदिन पानी से गुजरने के कारण उनकी तबीयत भी बिगड़ गई है. उन्होंने कहा कि घर में ठीक से खाना नहीं बनने के कारण उनके परिवार के लोग भी कमजोर हो गए हैं. चुरा मीठा के सहारे दिन गुजारना मुश्किल हो रहा है. पहले, गोवेंट की ओर से अनुदानित मूल्य पर कीराशन तेल उपलब्ध होता था, लेकिन अब ये भी महंगे हो गए हैं और जरूरत के अनुसार नहीं मिल पा रहे हैं. गांव में बाढ़ के कारण बिजली का खंभा टूट गया है, जिसके चलते 15 दिनों से बिजली की सप्लाई भी बंद है. अंधेरे में रात गुजारना होता है.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 23:22 IST