प्राचीन सिद्धपीठ मन्दिर
अमेठी: सिद्धपीठ मां भवानी के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ हमेशा देखने के लिए मिलती है. भक्त परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए मां भवानी के दर्शन और पूजा करने दरबार में पहुंचते हैं. गौरीगंज के भवन शाहपुर स्थित दुर्गन भवानी धाम में भी हमेशा भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. खासतौर पर नवरात्रि के आसपास.
दुर्गन धाम की 200 साल पुरानी मान्यता
दुर्गन भवानी धाम की स्थापना 200 साल पहले अमेठी के राजघराने द्वारा की गई थी. कहा जाता है कि अमेठी के राजा भगवान बक्स सिंह अपनी सीमाओं का निरीक्षण कर रहे थे, तभी भवन शाहपुर गांव के पास जंगल में एक पत्थर की मूर्ति अचानक जमीन चीरकर बाहर आ गई. इसे देखकर राजा और उनके सैनिक आश्चर्यचकित हो गए.इसके बाद राजा ने मां दुर्गा के नाम पर इस पवित्र स्थल की स्थापना कराई.
भक्त मानते हैं तीर्थस्थल
अब यह मंदिर भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है. नवरात्रि के दौरान और हर शुक्रवार और सोमवार को यहां मेला लगता है, जिसमें दूर-दराज से लोग माता के दर्शन करने और अपनी मुराद पूरी करने के लिए आते हैं.
इसे भी पढ़ें: किसी मंदिर में है चमत्कारी पानी, तो किसी में मिट्टी, अद्भुत है कन्नौज के इन मंदिरों की मान्यता
सच्चे मन से मांगी गई मुराद होती है पूरी
कौड़ीहार गांव के निवासी लवकुश तिवारी का कहना है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां भवानी से मुराद मांगता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. उन्होंने बताया कि हर दिन यहां लोग अपनी मुरादें लेकर आते हैं और अधिकतर लोगों की मुरादें पूरी होती है. यहां आकर उन्हें बहुत शांति मिलती है और हर दिन सैकड़ों भक्त मां के चरणों में प्रसाद चढ़ाते हैं.
चमत्कारी जल भक्त ले जाते हैं घर
मंदिर के पुजारी राजेन्द्र महाराज ने बताया कि यह मंदिर बहुत प्राचीन है और यहां का ‘नीर’ (जल) बहुत प्रसिद्ध है. इस पानी को लोग चमत्कारी समढ अपने साथ ले जाते हैं.
Tags: Amethi news, Hindu Temple, Local18
FIRST PUBLISHED :
October 11, 2024, 16:36 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.