नई दिल्ली. जब क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर होता है तो टेंशन भी हाई होता है. भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज में यह कोई नई बात भी नहीं है. क्रिकेटरों को खेल के साथ इस तनाव से निपटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं. यह अलग बात है कि हर वक्त ये सिखाए नुस्खे काम नहीं आते. कई बार खिलााड़ियों को अपनी ‘मातृभाषा’ में उतरना पड़ता है. कुछ बरस पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच में ही हरभजन सिंह भी देशज पर उतर आए और फिर ऐसा बवाल हुआ कि इस ऑफ स्पिनर पर 3 मैच का बैन लगा दिया गया. इससे गुस्साई भारतीय टीम ने अगला मैच खेलने से मना कर दिया. भारत ऑस्ट्रेलिया के बोर्ड आमने-सामने आ गए. गेंद आईसीसी रेफरी के पाले से निकलकर कोर्ट में पहुंच गई. इस ऐतिहासिक बवाल को हरभजन सिंह ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में याद किया.
चलिए बात खुलकर करते हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2008 में खेले गए सिडनी टेस्ट मैच का स्कोरकार्ड देखें तो मेहमान टीम के नाम 122 रन से हार दिखेगी. लेकिन यह ऐसी हार थी, जिससे शायद ही कोई भारतीय फैन अपने खिलाड़ियों से खफा हुआ हो. हर भारतीय क्रिकेटप्रेमी इस मैच में टीम इंडिया के प्रदर्शन से बेहद खुश था, खासकर पहली पारी की बैटिंग से. भारत ने इस मैच की अपनी पहली पारी में 532 रन बनाए थे. अगर भारत के खिलाफ 6 निर्णय नहीं दिए जाते तो यकीनन मैच भारत ही जीतता.
सचिन-भज्जी की शतकीय साझेदारी से भड़के कंगारू
बहरहाल लौटते हैं इस मैच के सबसे बड़े विवाद पर. भारत की पहली पारी के दौरान सचिन तेंदुलकर और हरभजन सिंह ने आठवें विकेट के लिए 129 रन की साझेदारी की थी. कंगारू झल्लाए हुए थे. वे सचिन को तो फिर भी एक सीमा में रहकर स्लेजिंग कर रहे थे लेकिन हरभजन सिंह को लगातार उकसाया जा रहा था. हरभजन को उकसाने की जिम्मेदारी जैसे एंड्रयू सायमंड्स ने ले रखी थी. जब-जब वे बैटर के पास जाते, कुछ बोलकर निकल जाते. ओवर खत्म हो और खिलाड़ी अपनी पोजीशन बदलने के लिए इधर-उधर हों तो भज्जी निशाने पर रहते. आखिरकार हरभजन सिंह का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने कुछ ऐसा कहा कि एंड्यू सायमंड्स को लगा कि उन्हें मंकी (बंदर) कहा गया है. फिर क्या था. बवाल हो गया. बात पहले अंपायर तक पहुंची और फिर मैच रेफरी तक. पेशी हुई.
एंड्यू सायमंड्स. (फाइल फोटो)
रेफरी ने मानी क्लार्क की गवाही
एंड्रयू सायमंड्स के गवाह बनकर माइकल क्लार्क समेत कुछ खिलाड़ी भी हाजिर हुए. क्लार्क ने कहा कि उन्होंने हरभजन को मंकी कहते हुए सुना था. हरभजन की ओर से सचिन भी पहुंचे. तेंदुलकर ने गवाही दी कि हरभजन सिंह ने मंकी नहीं कहा था. सचिन की बात नहीं मानी गई. मैच रेफरी ने हरभजन सिंह पर 3 टेस्ट मैच का बैन लगा दिया. फिर क्या था. अनिल कुंबले की अगुवाई में खेल रही भारतीय टीम भी हत्थे से उखड़ गई. कप्तान ने ऐलान कर दिया कि जब तक भज्जी पर लगाए गए आरोपों की ठीक से जांच नहीं होती और उन पर लगा बैन नहीं हटता तब तक टीम मैच नहीं खेलेगी. मीडिया में सुर्खियां बनने लगीं कि भारत बीच में भी दौरा छोड़ सकता है.
हरभजन सिंह, एमएस धोनी और गौतम गंभीर. (फाइल फोटो)
न्यूजीलैंड के जज ने हटाया भज्जी पर लगा बैन
भारतीय बोर्ड अध्यक्ष शरद पवार ने मामले में हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि सीरीज जारी रहेगी, लेकिन भारत हरभजन सिंह पर फैसले को नहीं मानेगा. भारत ने मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर के फैसले के खिलाफ अपील की. नतीजा आईसीसी को कोड ऑफ कंडक्ट कमीशन को यह मामला सौंपना पड़ा. न्यूजीलैंड के हाईकोर्ट के जज जॉन हैनसेन ने सुनवाई की. जज ने पाया कि भज्जी पर जो आरोप लगे हैं, उन्हें साबित करने के कोई साक्ष्य नहीं हैं. ना ही कोई वीडियो सबूत हैं और ना ही ऑडियो. मैच रेफरी ने सिर्फ ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ियों की बात को सही मानकर फैसला दिया है, जो उचित नहीं है. इस तरह हरभजन सिंह पर लगा बैन साक्ष्य के अभाव में हटा लिया गया. हालांकि, उन्हें अपशब्द कहने का दोषी पाया गया और मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माने के तौर पर काटने का आदेश दिया गया.
आईसीसी ने नस्लीय टिप्पणी रोकने के लिए कुछ शब्दों की लिस्ट बनाई है. इस लिस्ट में मंकी भी शामिल है. इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले सभी खिलाड़ियों को इस लिस्ट के बारे में पता होता है. यह भी पता होता है कि ऐसे शब्दों को इस्तेमाल करने पर कड़ी सजा हो सकती है.
क्या कहा था भज्जी ने
हरभजन सिंह ने यह बात बार-बार बताई है कि उन्होंने गुस्से में सायमंड्स को हिंदी में गाली दी थी. भज्जी ने सायमंड्स को ‘तेरी मां की’कहा था. ऑस्ट्रेलियन ऑलराउंडर ने इसे ही मंकी समझ लिया था. हरभजन सिंह ने हाल ही में न्यूज18 इंडिया के पॉडकास्ट में भी माना कि उन्होंने हरभजन सिंह को मां की गाली दी थी.
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FIRST PUBLISHED :
December 4, 2024, 13:36 IST