जब हिंदू राजा बने मुगल दामाद, अकबर की बेटी की किस राजपूत राजघराने में हुई शादी

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Last Updated:February 07, 2025, 18:26 IST

Marriages of Mughal princesses with Hindu kings: अकबर ने अपनी बेटी शहजादी खानम बेगम की शादी मेवाड़ के महाराणा अमर सिंह से की थी. जबकि राजा मानसिंह के बेटे कुंवर जगत सिंह ने अफगान सूबेदार की बेटी मरियम से विवाह ...और पढ़ें

जब हिंदू राजा बने मुगल दामाद, अकबर की बेटी की किस राजपूत राजघराने में हुई शादी

अकबर ने कई हिंदू राजकुमारियों से विवाह किया था.

हाइलाइट्स

  • अकबर ने बेटी शहजादी खानम की शादी अमर सिंह से की थी
  • आमेर के राजा मानसिंह के बेटे जगत सिंह ने मरियम से विवाह किया
  • राणा सांगा और कुंभा ने भी मुस्लिम राजकुमारियों से शादियां की थीं

Marriages of Mughal princesses with Hindu kings: मुगल बादशाह अकबर की धार्मिक नीति में हिंदुओं के प्रति उदारता और सहिष्णुता थी. उन्होंने धर्म को अपने राज-काज से अलग रखा और हिंदुओं को अपने धर्म का पालन करने की पूरी आजादी दी. अकबर ने कई हिंदू राजकुमारियों से विवाह किया था. माना जाता है कि जोधाबाई उनकी मुख्य रानी थीं. इतिहास में मुस्लिम आक्रमणकारियों और भारत के हिंदू राजाओं के बीच युद्धों के अलावा कई सामाजिक घटनाओं का जिक्र भी मिलता है. ऐसी ही कुछ घटनाओं में हिंदू राजाओं और मुस्लिम राजकुमारियों की शादी का जिक्र भी है.  

इतिहासकारों के मुताबिक, मुगल बादशाह अकबर ने अपनी बेटी शहजादी खानम बेगम की शादी मेवाड़ के शासक महाराणा अमर सिंह से की थी. अमर सिंह 1597 से 1620 तक मेवाड़ के शासक रहे. वह महाराणा प्रताप के बड़े बेटे और महाराणा उदय सिंह द्वितीय के पौत्र थे. यह शादी एक तरह से एक संधि के तहत हुई थी. अमर सिंह महाराणा प्रताप सिंह की मृत्यु के उदयपुर यानी मेवाड़ की गद्दी पर बैठे थे. इसके बाद अमर सिंह ने मुगलों पर एक के बाद एक कई हमले किए. अमर सिंह के हमलों से घबराकर मुगलों को मेवाड़ छोड़कर भागना पड़ा. अकबर ने मेवाड़ को नहीं जीत पाने के कारण संधि के तौर पर अपनी बेटी शहजादी खानम बेगम की शादी अमर सिंह से कर दी. महाराणा अमर सिंह का 26 जनवरी 1620 को निधन हो गया था. इतिहास में इनके अलावा कई दूसरे राजाओं के मुस्लिम शासकों की बेटियों से शादी का जिक्र मिलता है.

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जगत सिंह और मरियम का विवाह
इसके अलावा इतिहास में आमेर के राजा मानसिंह के बेटे कुंवर जगत सिंह की शादी एक मुस्लिम शहजादी होने का जिक्र में मिलता है. उन्‍होंने उड़ीसा (अब ओडिशा) के अफगान सूबेदार कुतुल खां की बेटी मरियम से शादी की थी. इतिहासकार छाजू सिंह के मुताबिक, 1590 में राजा मानसिंह ने उड़ीसा में अफगान सरदारों के विद्रोह को कुचलने के लिए कुंवर जगत सिंह के नेतृत्व में एक सेना भेजकर अभियान चलाया था. 

मरियम ने की थी घायल जगत की सेवा
इतिहास के मुताबिक, कुंवर जगत सिंह का मुकाबला नवाब कुतलू खां की सेना से हुआ. युद्ध में कुंवर जगत सिंह घायल हो गए और हार गए. इसके बाद कुतुल खां की बेटी मरियम ने जगत सिंह को गुप्‍त रूप से अपने पास रखा और उनकी देखभाल की. ठीक होने पर मरियम ने जगत सिंह को विष्णुपुर के राजा हमीर को सौंप दिया. कुछ समय बाद कुतुल खां की मौत हो गई. कुतुल खां के बेटे ने राजा मान सिंह की अधीनता स्वीकार कर ली. वहीं, मरियम की सेवा से प्रभावित होकर कुंवर जगत सिंह ने उनसे शादी कर ली. उपन्यासकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास ‘दुर्गेशनंदिनी’ में कुंवर जगत सिंह के युद्ध में घायल होने और एक मुस्लिम लड़की द्व्रारा उनकी सेवा करने के बारे में लिखा है.

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राणा सांगा की थीं चार मुस्लिम पत्नियां
मेवाड़ के राजा राणा सांगा ने मुस्लिम सेनापति की बेटी मेहरुन्निसा से शादी की. इसके अलावा उन्‍होंने तीन और मुस्लिम लड़कियों से विवाह किया था. राणा सांगा महाराणा संग्राम सिंह और महाराणा कुंभा के बाद सबसे प्रसिद्ध महाराजा थे. इन्होंने अपनी शक्ति के बल पर मेवाड़ का विस्तार किया और राजपूताना के सभी राजाओं को संगठित किया. राणा रायमल की मृत्यु के बाद 1509 में राणा सांगा मेवाड़ के महाराणा बन गए. फरवरी 1527 में खानवा के युद्ध से पहले बयाना के युद्ध में राणा सांगा ने मुगल बादशाह बाबर की सेना को हराकर बयाना का किला जीता था. राणा सांगा की मृत्‍यु 30 जनवरी 1528 को हुई थी.

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महाराणा कुंभा ने की थी वजीर खां की बेटी से शादी
अपराजित योद्धा के तौर पर पहचान बनाने वाले महाराणा कुंभा ने जागीरदार वजीर खां की बेटी से शादी की थी. महाराणा कुंभा ने 1437 में मालवा के सुलतान महमूद खिलजी को सारंगपुर के पास बुरी तरह से हराया था. महाराणा कुंभा ने इस विजय के स्मारक के तौर पर चित्तौड़ का विख्यात विजय स्‍तंभ बनवाया. पिता महाराणा माकल की हत्‍या के बाद सिंहासन पर बैठे महाराणा कुंभा ने सात साल के भीतर सारंगपुर, नागौर, नराणा, अजमेर, मंडोर, मांडलगढ़, बूंदी, खाटू, चाटूस के किलों को जीत लिया था. फिर उन्‍होंने दिल्ली के सुल्‍तान सैयद मुहम्मद शाह और गुजरात के सुल्‍तान अहमदशाह को भी हराया.

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छत्रसाल ने की थीं निजाम की बेटी से शादी
राजा छत्रसाल ने हैदराबाद के निजाम की बेटी रूहानी बाई से शादी की थी. महाराजा छत्रसाल बुंदेला महान प्रतापी राजपूत योद्धा थे. उन्‍होंने मुगल शासक औरंगजेब को युद्ध में हराकर बंदेलखंड में अपना स्वतंत्र बुंदेला राज्य स्थापित किया और महाराजा की पदवी हासिल की. बुंदेलखंड आजकल मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा का हिस्सा है. महाराज छत्रसाल जूदेव बुंदेला ओरछा के रुद्र प्रताप सिंह बुंदेला के वंशज थे. वह पूरा जीवन मुगलों की सत्ता के खि‍लाफ संघर्ष और बुंदेलखंड की आजादी बनाए रखने के लि‍ए जूझते रहे. वहीं, राजपूत राजा बिंदुसार ने मीर खुरासन की बेटी नूर खुरासन से शादी की थी. 

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बप्पा रावल ने की थी गजनी के शासक की बेटी से शादी
अगर इतिहास में और पीछे जाया जाए तो मालूम पड़ता है कि ‘फादर ऑफ रावलपिंडी’ के नाम से विख्‍यात बप्पा रावल ने गजनी के मुस्लिम शासक की बेटी से शादी की. बप्पा रावल को मेवाड़ का संस्‍थापक भी कहा जाता है. उन्‍होंने मेवाड़ क्षेत्र में 728 से लेकर 753 तक राज किया. वह मेवाड़ में क्षत्रिय कुल के गुहिल राजवंश के संस्थापक शासक थे. बप्पा रावल का जन्म मेवाड़ के महाराजा गुहिल की मृत्यु के 191 साल बाद 712 में ईडर में हुआ था. उनके पिता ईडर के शासक महेंद्र द्वितीय थे. बप्पा रावल का नाम कुछ जगहों पर कालाभोज है. गुहिल वंश में से ही सिसोदिया वंश निकला था, जिसमें आगे चलकर राणा कुभा, राणा सांगा और महाराणा प्रताप हुए. 

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 07, 2025, 18:26 IST

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