यहां के नजारे देखकर आपका भी करेगा यहीं बस जाने का मन
जमुई: जमीनों के भाव दिन-ब-दिन कई गुना की तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. शहरों में जमीन स्क्वायर फीट के हिसाब से बिकती है और शहर में घर बनाने के लिए जमीन खरीदने में लोगों के जीवन भर की कमाई चली जाती है. यही कारण है कि लोग अब शहरों से निकलकर ग्रामीण इलाकों में जमीन खरीद रहे हैं पर उन इलाकों में भी जमीन की कीमतें अब मामूली नहीं रही.
ग्रामीण इलाकों में भी जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां की जमीन खरीदने के लिए आपको पैसों का बंदोबस्त नहीं करना पड़ेगा. यहां आप कम पैसों में एक डिसमिल जमीन खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं यह जगह किसी हिल स्टेशन से कम नहीं है. इसके आसपास के नजारे इतने खूबसूरत हैं कि यहां का इलाका देखकर ही आपको यही का होकर रह जाने का मन करेगा.
केवल इतनी रुपयों में मिल जाएगी एक डिसमिल जमीन
अगर बात हम जमीन की कीमतों की करें तो पटना, दिल्ली जैसे शहरों में जमीन की कीमत काफी होती है. दिल्ली में कुछ रिहायशी इलाकों में तो जमीन की कीमत है दो से तीन करोड रुपए प्रति डिसमिल है. जबकि पटना में जमीन की कीमत डेढ़ से दो करोड रुपए प्रति इकट्ठा तक है. पर हम आपको जिस जमीन के बारे में बताने जा रहे हैं वह जमीन इतनी सस्ती है कि आप दिल्ली के एक डिसमिल जमीन की कीमत में यहां इतनी जमीन खरीद सकते हैं कि उसमें करीब 41 फुटबॉल के मैदान बनाए जा सकते हैं. हम बात कर रहे हैं बिहार के जमुई जिले की, जहां एक डिसमिल जमीन के लिए आपको मात्र पांच हजार तीन सौ तैंतीस रुपए चुकाने पड़ेंगे. और अगर आप एक कट्ठा जमीन खरीदना चाहते हैं तब इसके लिए आपको मात्र 20 हजार रुपया की कीमत अदा करनी पड़ेगी.
उपजाऊ है जमीन और नजारे हैं खूबसूरत
जमीन की कम कीमतें सुनकर लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि यह जमीन बंजर हो या ऐसे दूरस्थ इलाके में हो जहां कोई आबादी नहीं रहती हो. लेकिन आपको बता दें कि इस जमीन के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है. यह जमीन रिहायशी इलाके में है और यहां कई सारे गांव भी बसे हुए हैं. हालांकि यह जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूरी पर जरूर है, पर यह इलाका उपजाऊ भी है और यह शहर से सड़क मार्ग के द्वारा पूरी तरीके से कनेक्ट भी है.
हम आपको जिस जगह के बारे में बता रहे हैं वह इलाका जमुई जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र के नैयाडीह पंचायत के बिंझी गांव की, जहां जमीन की कीमत 20 से 25 हजार रुपए प्रति कट्ठा है. यहां के इलाकों में बारिश के आधार पर ही खेती होती है, लेकिन अगर अच्छी बारिश हो तो साल में धान और मक्के की फसल अच्छी उपज होती है.
जमीन खरीदने से पहले जान लें यह बात
अगर इस गांव में आप जमीन खरीदना चाहते हैं तो आपको एक बात जरूर जान लेना चाहिए. क्योंकि यहां के आदिवासी समुदाय के लोग अपनी जमीन बेचने से काफी परहेज करते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि यहां जमीन नहीं बेची जाती, या आप इस गांव की जमीन नहीं खरीद सकते. परंतु यहां के लोगों का मानना है की जमीन की कीमतें इतनी कम है कि उन्हें बेचने से भी उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंच सकेगा और यही कारण है कि गांव के लोग जमीन बेचने से पहले 10 बार सोचते हैं. पर अगर आप यहां जमीन लेना चाहें तो आपको मात्र बीस से पच्चीस हजार रुपए प्रति कट्ठा जमीन मिल जायेगी. अगर जमीन मुख्य सड़क के किनारे है तो उस जमीन की कीमत एक लाख रुपए प्रति कट्ठा तक हो सकती है. इतना ही नहीं इसके आसपास के इलाके में भी कई ऐसे गांव है जहां जमीन की कीमतें काफी कम है. तो अगर आप शहर से बाहर हट कर पहाड़ों के आसपास एक हरा भरा वातावरण ढूंढ रहे हैं, तो आप इन इलाकों में रह सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 15:55 IST