जिसको ढूंढा शहर-शहर उस सुपारी किलर ने पुलिस को चकमा दिया और कर दिया सरेंडर

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जिसको ढूंढा शहर-शहर उस शार्प शूटर सुपारी किलर ने बिहार पुलिस को चकमा दिया, दिनदहाड़े सिविल कोर्ट पहुंचकर कर दिया सरेंडर

बिहार-झारखंड के कुख्यात ने 
विकास सिंह पटना में सरेंडर किया.  बिहार-झारखंड के कुख्यात ने विकास सिंह पटना में सरेंडर किया.

हाइलाइट्स

बिहार-झारखंड का कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन विकास सिंह ने पटना में किया सरेंडर.कुख्यात विकास सिंह पकड़ने के लिए बिहार-झारखंड पुलिस मार रही थी हाथ-पांव. कुख्यात विकास सिंह ने पुलिस को चकमा देकर पटना सिविल कोर्ट में किया सरेंडर.

पटना. अंडरवर्ल्ड डॉन विकास सिंह ने पटना में सरेंडर कर दिया है. इस कुख्यात पर कई मामले दर्ज हैं और यह बिहार-झारखंड में एक सुपारी किलर के तौर पर भी पहचान रखता है. हत्या और रंगदारी समेत इस पर दर्जनों केस हैं विकास सिंह बिहार-झारखंड पुलिस की टॉप अपराधियों की सूची में शामिल है. विकास सिंह पर हत्या के कई बड़े मामलों में शामिल होने का आरोप है. बिहार पुलिस और एसटीएफ की टीम उसे काफी वक्त से खोज रही थी. खास बात यह है कि विकास सिंह ने पुलिस के पूरे पुलिस तंत्र को धता बताते हुए सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाी.

जानकारी के अनुसार, कुख्यात विकास सिंह के ठिकानों पर बिहार और झारखंड की पुलिस लगातार दबिश देती रही और उसके कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी, लेकिन विकास मंगलवार को पटना सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. बता दें कि विकास सिंह का आतंक बिहार और झारखंड दोनों राज्यों में रहा है. पटना के बोरिंग रोड इलाके से अपराध की दुनिया में छोटे मोटे क्राइम करते हुए विकास सिंह ने बाद के वर्षों अपना आतंक दोनों राज्यों में कायम किया है. बीते कुछ महीनों पहले ही बोकारो में हुए शंकर रवानी हत्याकांड को लेकर बोकारो पुलिस की विशेष एसआईटी ने पटना में कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन विकास सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. वह कई मामलों में वांटेड रहा है.

कहा जा रहा है कि शंकर रवानी हत्याकांड के बाद ही विकास सिंह पर पुलिस की दबिश थी और उसके सरेंडर का कारण भी यही हत्या है. बता दें कि बीते 18 जुलाई को बोकारो के सेक्टर 9 हटिया मोड़ के पास स्कॉर्पियो धुलवाने के क्रम में शूटरों ने शंकर के सिर में सटा कर गोली मार दी थी. विकास सिंह का नाम इस हत्याकांड में आने के बाद उसके खिलाफ झारखंड पुलिस की दबिश थी. झारखंड में बार-बार वह अपना ठिकाना बदल रहा था. यह इतना शातिर निकला कि इसने झारखंड में सरेंडर नहीं कर पटना के सिविल कोर्ट में सरेंडर किया.

बता दें कि वर्ष 1995 से 2005 तक विकास सिंह का पटना में खौफ था. विकास सिंह पटना के बेउर जेल में लंबे समय तक बंद रहा है. वर्ष 2011 में जेल से छूटने के यह फिर से क्राइम करने लगा. हालांकि, इसके पहले वर्ष 2018 में एसटीएफ की टीम ने उसे झारखंड की राजधानी रांची से एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार होने की खबर फैली थी, लेकिन यह गिरफ्तार नहीं हुआ था. गौरतलब है कि पटना की पूर्व डिप्टी मेयर अमरावती देवी के पति दीना गोप की एके-47 से भूनकर हुई हत्या मामले में भी विकास सिंह का नाम आया था.

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 19:19 IST

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