हजारीबाग: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का परिणाम आ चुका है. इस बार इंडिया गठबंधन ने फिर बाजी मार ली है. झारखंड में गठबंधन पूर्ण बहुमत में सरकार बनाने जा रहा है. पूरे प्रदेश में एनडीए का प्रदर्शन भले ही कमजोर रहा हो, लेकिन हजारीबाग जिले की सभी 5 विधानसभा सीटों पर NDA ही जीता है. इसमें हजारीबाग के सदर, बरही, बरकट्ठा, बड़का गांव में भाजपा ने जीत हासिल की है, वही मांडू विधानसभा में आजसू ने चुनाव जीता है.
चुनाव के इस अनोखे समीकरण को देखते हुए लोकल 18 झारखंड स्थानीय लोगों के बीच गया और कुछ सवाल उठाए. आखिर वो कौन सा कारण रहा कि प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा, लेकिन हजारीबाग में सफलता मिली? कैसे इंडिया गठबंधन हजारीबाग जिले में खाता भी नहीं खोल पाया? प्रदेश में भाजपा की हार का प्रमुख कारण क्या बना? ऐसे कुछ सवालों का लोगों ने बेबाकी से उत्तर दिए. सुनिए…
यहां हिंदू-मुस्लिम फैक्टर रहा…
हजारीबाग के मटवारी के रहने वाले विकास कुमार ने कहा, हजारीबाग की राजनीति रामनवमी से चलती है. जहां अधिक धार्मिक लोग रहते हैं, यहां पर चुनाव हिंदू-मुस्लिम फैक्टर लड़ा गया. साथ ही मोदी का फैक्टर इस चुनाव में हावी रहा. जिस कारण भाजपा+ ने यहां चारों सीटों पर जीत हासिल की है.
ज्यादातर वोटरों ने 1000 रुपये देखे…
वहीं, शांति भगत चौधरी ने कहा, लोगों के पास दूरदर्शी सोच न होने की वजह से वे नजदीक के फायदे को देखते हैं. मंईयां सम्मान योजना इसी का एक उदाहरण है. लोग विकास के बजाय 1000 रुपये देखकर इस चुनाव में वोट दिए हैं, जिस कारण भाजपा को नुकसान हुआ.
जिले ने बचा ली इज्जत
रामप्रकाश मेहता बोले, कि भाजपा ने हेमंत सोरेन को जेल में डालकर बहुत बड़ी गलती की है. आदिवासी वोट इससे नाराज हो गया था. हजारीबाग ने भाजपा की इज्जत बचाई. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से भाजपा चुनाव जीत पाई, जिस कारण से सेट इस बार बेहद कम आया.
आजसू भी पिछड़ा…
सितेश पांडे बोले, हजारीबाग सदर विधानसभा और जिले के दूसरे विधानसभा क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम फैक्टर बेहद काम में आया है. जिस कारण से इंडिया गठबंधन यहां खाता भी नहीं खोल पाई. वहीं, आजसू इस बार पिछड़ते हुए दिखा. कई सीटों पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने अच्छा वोट प्राप्त किया जो भाजपा के हिस्से के वोट थे.
कल्पना भी सफल रहीं…
ज्ञानेंद्र सिंह का कहना था कि इस बार के चुनाव में मंईयां सम्मान योजना और बिजली बिल माफी जैसी योजनाएं काफी कारगर रहीं. वहीं, कल्पना सोरेन भी चुनाव में महिलाओं को आकर्षित करने में सफल रहीं.
FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 19:57 IST