नई दिल्ली: अगर आप हिंदी गानों के दीवाने हैं, तो आप संगीतकार शेखर रवजियानी से परिचित होंगे, जिन्होंने अपने साथी विशाल के साथ मिलकर ‘ओम शांति ओम’ और ‘दस’ जैसी फिल्मों के लिए कई हिट गाने कंपोज किए थे. उन्होंने 2 साल पहले गीत गाना छोड़ दिया था और रियलिटी शोज से दूरी बना ली थी. उन्होंने अब एक बड़ा खुलासा करके सबको चौंका दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने 2 साल पहले लेफ्ट वोकल कॉर्ड पैरेसिस नाम की बीमारी की वजह से अपनी आवाज खो दी थी. संगीतकार ने कहा कि वे टूट गए थे, लेकिन कभी उम्मीद नहीं छोड़ी. वे दिल में अच्छी सोच लिए बीमारी पर काबू पाने की कोशिश कर रहे.
संगीतकार ने बीमारी से जूझते हुए सैन डियागो की जर्नी पर निकले, जहां उनकी मुलाकात जेरेमी से हुई. उन्होंने शेखर को उनके फरिश्ते- डॉ. एरिन वॉल्श से मिलवाया. डॉक्टर के लगातार इलाज, समर्पण और कमिटमेंट की बदौलत शेखर का वोकल कॉर्ड कुछ ही हफ्तों में सामान्य हो गया. सिंगर ने पोस्ट में लिखा है, ‘आज मैं कुछ ऐसा बताना चाहता हूं, जो मैंने पहले कभी नहीं बताया. मैंने 2 साल पहले ‘लेफ्ट वोकल कोर्ड परेसिस’ की वजह से अपनी आवाज खो दी थी. डॉ. नूपुर नेरुर्कर’ की जांच से इसका पता चला था. मैं टूट गया था.’
(फोटो साभार: Instagram@shekharravjiani)
संगीतकार जब अपने फरिश्ते से मिले
शेखर ने पोस्ट में आगे लिखा, ‘ईमानदारी से कहूं, तो मैं निराशावादी था. मुझे लगा कि मैं दोबारा कभी नहीं गा पाऊंगा. मेरा परिवार चिंतित था और मैं उन्हें चिंतित देखकर परेशान था. मैं प्रार्थना करता रहा. मैंने काम करना बंद नहीं किया. कोशिश करता रहा, खुद को आगे धकेलता रहा. इन सबके बीच, मुझे कुछ हफ्तों के लिए सैन डियागो जाने का मौका मिला, जहां वे जेरेमी से मिले, जिन्होंने मुझे एक फरिश्ते से मिलवाया.’
शेखर ने भगवान का जताया आभार
शेखर ने एक लंबे पोस्ट में डॉक्टर इरिन वॉल्श की तारीफ की, जिन्होंने बीमारी से उबरने में उनकी बहुत मदद की. शेखर रवजियानी की जर्नी इस बात की मिसाल है कि अगर इंसान सकारात्मक रहते हुए लगातार कोशिश करना जारी रखता है, तो बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना कर सकता है. उन्होंने अपनी पोस्ट के आखिर में लिखा, ‘जय हनुमान.’
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 21:24 IST