ड्रैगन फ्रूट की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत,पहले बिक्री में मुश्किल

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ड्रैगन फ्रूट के फार्म पर किसान भूपेंद्र शरणागत

Balaghat News: पारंपरिक खेती को छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू करने वाले किसानों को शुरुआत में बिक्री में मुश्किलें आ ...अधिक पढ़ें

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बालाघाट. बालाघाट जिले के एक छोटे से गांव सीताखोह में अब ड्रैगन फ्रूट की खेती हो रही है. जिस तरह की बालाघाट की जलवायु है, यहां पर इस तरह के फलों की खेती कर पाना बेहद मुश्किल है, लेकिन इसे मुमकिन कर दिखाया सीताखोह के एक किसान भूपेंद्र शरणागत ने. अब उनके फॉर्म के ड्रैगन फ्रूट की चर्चा सिर्फ जिले में ही नहीं आसपास के जिलों में भी हो रही है. जिस तरह की खेती है इसमें लागत, मेहनत और धैर्य की बेहद जरूरत होती है. आईए जानते है बालाघाट जिले की आधुनिक किसान की कहानी…

पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती पर शिफ्ट हुए भूपेंद्र
सीताखोह के भूपेंद्र शरणागत बताते है कि पहले वह पारंपरिक तरीके से खेती करते थे. लेकिन नॉर्वे में रहने वाले उनके छोटे भाई ने उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती का सुझाव दिया. इसके बाद महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के कृषि विशेषज्ञ के सुझाव से साल 2021 में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. भूपेंद्र शरणागत बताते है कि इसकी खेती शुरू करने के लिए 15 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट करना पड़ा.

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए फर्टिगेशन का प्रयोग
ड्रैगन फ्रूट के पौधों की सिंचाई के लिए भुपेंद्र ने ड्रिप इरिगेशन यानी बुंद-बुंद सिंचाई विधि अपनाई है. इसी में दवाई मिलाकर वह पौधों को उर्वरक भी देते हैं. इसी विधि को फर्टिगेशन कहते हैं.

पहली बार आधे एकड़ में खेती शुरू की
भूपेंद्र बताते है कि साल 2021 में जब उन्होंने खेती शुरू की तब उन्होंने ये प्लांट सिर्फ 50 डिसमिल यानी आधे एकड़ में शुरू किया था. वहीं, पहली फसल से सिर्फ 4 क्विंटल उत्पादन लिया था. अब उनका प्लांट 1 एक एकड़ तक बढ़ चुका है, जिससे उन्होंने इस साल 11 क्विंटल तक का उत्पादन लिया है.

ड्रैगन फ्रूट की खास बात ये कि यह पूरी तरह जैविक
भूपेंद्र बताते है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती पूरी तरह से जैविक तरीके से की जा रही है. इसके लिए वह फॉर्म यार्ड मैन्योर, जीवामृत और दूसरे जैविक खादों का इस्तेमाल कर रहे है.

खेती तो शुरू कि लेकिन मार्केटिंग की थी दिक्कत
भूपेंद्र बताते है कि जब फसल लगने के दो साल बाद उपज तैयार हुई, तब उन्हें खरीददार नहीं मिल रहे थे. फिर उन्हें पास के कस्बे के दोस्तों को ड्रैगन फ्रूट को खिलाया, फिर धीरे-धीरे पूरे इलाके में इसकी मांग बढ़ने लगी. अब सिर्फ बालाघाट ही नहीं दूसरे जिलों और राज्यों में भी इस फल की मांग बढ़ने लगी.

Editer- Anuj Singh

Tags: Dhanbad news, Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 11:01 IST

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