हाइलाइट्स
आगरा में 1700 मकानों में अचानक आई दरारों की वजह से दहशत में लोग लोगों का आरोप है कि मेट्रो के अंडरग्राउंड टनल की वजह से आई दरारें वहीं मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि मकान पहले से ही जर्जर थे
आगरा. देश के ऐतिहासिक शहरों में शामिल और विश्व विख्यात ताजमहल के लिए खासतौर पर पहचाने जाने वाला आगरा शहर इन दिनों एक अजीब सी मुसीबत में फंस गया है. यहां के मोती कटरा और सैय्यद गली इलाके के 1700 मकानों अचानक से डरावनी दरारें दिखाई देने लगीं हैं. यहां स्थानीय लोगों का कहना है कि जुलाई से ही दरार उभरना शुरू हुआ था और अब इसका भयानक रूप नजर आ रहा है. हर रात डर बना रहता है कि कहीं मकान गिर ना जाए. प्रशासन को इसके बारे में बताया गया है, लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया है. मेट्रो अधिकारियो के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति के लिए दरारों में सीमेंट भरवाया जा रहा है.
घरों में दरार आने के मामले में अब उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के PRO पंचानन मिश्रा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि आगरा में इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स की देखरेख में सुरंग का निर्माण हो रह है. तीन अंडर ग्राउंड स्टेशन का TBM मशीन से निर्माण हुआ था. मोती कटरा में घरों में दरार आने का मामला सामने आया है. आपको बताना चाहते है कि TBM से जितना भी निर्माण होता है, उससे कंपन और दरार आने की संभावना बहुत कम है. सुरक्षा के जितने भी उपाय है, सभी को ध्यान में रखते हुए काम किया है. पंचानन मिश्रा ने कहा कि 1700 घरों में दरार की बात आई थी, यह पूरी तरह से भ्रामक है. बिल्डिंग कंडीशन सर्वे पहले करवा चुके है. सभी को बता दिया था कि घर खाली कर दीजिए. कुछ लोगों को होटल में भेजा गया था. फिर घरों में जैक लगाकर मजबूत किया गया. अब लोग रह रहे है. उस इलाके से TBM मशीन अंडर ग्राउंड आगे बढ़ चुकी है. अब से कुछ ही दिनों में सारा काम पूरा हो जाएगा. घरों में दरारें पहले से ही थी. अधिकतर मकान 100 साल से ज्यादा पुराने हैं. इन घरों में सीवेज लाईन की कोई व्यवस्था नहीं है. टॉयलेट और बाथरूम का पानी घर की नींव में चला जाता है, जो कि दरार पड़ने की बड़ी वजह है. हम पूरी देखरेख के साथ निर्माण कर रहे हैं.
मकानों को खड़ा रखने के लिए जैक लगाए गए
उधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि आगरा के इस खास इलाके में 1700 घरों में दरारें आ गईं हैं. वहीं, 146 मकानों को खड़ा रखने के लिए जैक लगाए गए हैं. इससे हजारों लोगों की जान सांसत में फंसी हुई है. सबसे अधिक खतरा मोती कटरा और सैय्यद गली पर है. आगरा कॉलेज से मनकामेश्वर मंदिर स्टेशन तक अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रैक बनाया जा रहा है. यह सुरंग 2 किलोमीटर लंबी है. सुरंग बनाने के लिए 100 से 150 फीट गहरी खुदाई की गई है. अक्टूबर 2023 से इसे बनाने का कार्य शुरू किया गया था. जुलाई अगस्त महीने तक कुछ ही घरों में दरार आई थी, लेकिन धीरे धीरे यह 1700 घरों तक दिखने लगी.
लोगों को जान का खतरा सता रहा है
आरोप है कि इस बारे में जब मेट्रो अधिकारियो को अवगत कराया तो वह सिर्फ खानापूर्ति के दरारों में सीमेंट भरवाया रहे है. जिन घरों में दरारें ज्यादा है, वहां रहने वाले लोगों को जान का खतरा सता रहा है. कई लोग तो पलायन कर गए है, अपना खुद का घर होने के बावजूद भी किराए के घर में रह रहे है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि हमारे घर के नीचे से अंडर ग्राउंड मेट्रो लाइन निकली है और इसके लिए जब मेट्रो वालों ने ब्लास्ट या ड्रिलिंग जैसा कुछ किया था तो इससे हमारे घर की नींव हिल गई और पूरे मकान में दरारें आ गई. दरवाजे नहीं लगते हैं, पूरा घर ही गिरने की कगार पर आ गया है. कुछ दिनों के लिए हमें घर छोड़कर कहीं और जाने के लिए कहा गया था, लेकिन अब तो हमारा पूरा घर ही गिर सकता है, ऐसे में हम कहां जाएंगे?
यूपी मेट्री ने झाड़ा पल्ला
हालांकि मेट्रो अधिकारियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि घरों में दरारें उनके प्रोजेक्ट की वजह से नहीं आई. पहले से ही घर जर्जर स्थित में थे. हम तो इंसानियत के नाते दरारों को भरने का काम कर रहे है. वहीं क्षेत्र में अब कई घर और मंदिर जैक पर टीके हैं. एक घर तो टेढ़ा हो गया, और दूसरे घर पर जाकर टिक गया है. ऐसे में अब लोगों को जान का खतरा सता रहा है. जानकारी के बाद जिलाधिकारी के साथ ही कई संबंधित अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया, और दिशा निर्देश दिए. लेकिन अभी भी स्थानीय लोगों को जान का डर सता रहा है, और वह अपना घर छोड़ किराए पर रह रहे है.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 14:05 IST