हाइलाइट्स
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे बड़े प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा.चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे बड़े प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा.धनकुबेरों की संपत्ति में लगभग 130 अरब अमेरिकी डॉलर का इजाफा हुआ.
नई दिल्ली. चीन की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से लगातार गर्त में जा रही थी. सरकार द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के चलते न तो रियल एस्टेट सेक्टर उठ पा रहा था और न ही नए रोजगार पैदा हो रहे थे. आम लोगों की डिमांड काफी कम हो गई थी. चीनी सरकार ने पिछले 1 वर्ष में अपनी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की बहुत सी कोशिशें कीं, मगर सब नाकाम रहीं. इसके बाद सरकार को यह समझ में आया कि इकॉनमी को संकट से उबारने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट दिया जाना जरूरी है. इसी के मद्देनजर, चीनी प्रशासन ने अलग-अलग स्तर पर आर्थिक पैकेज की घोषणा की. बीते सप्ताह हुई इस घोषणा के बाद चाइनीज शेयर बाजारों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. ऐसे में वहां के कई अरबपतियों की संपत्ति में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस पैकेज ने चीन के धनकुबेरों को और अमीर बना दिया है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा घोषित सबसे बड़े प्रोत्साहन पैकेज (Stimulus Package) का पूरी इकॉनमी पर असर देखने को मिल रहा है. असर इतना व्यापक रहा है कि चीन के 54 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति में जबरदस्त उछाल आया है. ब्लूमबर्ग अरबपति इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के अनुसार, 30 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में इन 54 लोगों की संपत्ति में लगभग 19 प्रतिशत की बढ़त हुई. यह एक हफ्ते में संपत्ति में हुई सबसे बड़ी वृद्धि है, जो 2016 से शुरू हुए इस इंडेक्स के इतिहास में एक रिकॉर्ड है. कुल मिलाकर, चीन के धनकुबेरों की संपत्ति में लगभग 130 अरब अमेरिकी डॉलर (10,79,500 करोड़ रुपयों) का इजाफा हुआ.
9 दिनों में 25 फीसदी की तेजी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि सीधे तौर पर चीन के शेयर बाजार में आए उछाल से जुड़ी है. सीएसआई 300 इंडेक्स (CSI 300 Index) में पिछले सोमवार से लेकर अब तक 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है. यह उछाल तब आया, जब बीजिंग ने सुस्त हो रही अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें ब्याज दरों में कटौती, बैंकों के रिजर्व में कमी, और घर खरीदने के नियमों को आसान बनाना शामिल है. इसने बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ाया और इंडेक्स में लगातार 9 दिन की बढ़त दर्ज की गई, जिसमें सोमवार को 8.5 प्रतिशत की तेजी आई. 2008 के बाद यह सबसे बड़ी तेजी थी.
कई क्षेत्रों में सख्त एक्शन के कारण पिछले 3 वर्षों में कई चीनी अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट देखी गई थी. रियल एस्टेट (Real Estate) और टेक्नोलॉजी (Tech) से जुड़े क्षेत्रो में भारी नुकसान हुआ था, जिससे प्रमुख अरबपतियों की संपत्ति में कमी आई. लेकिन इस हालिया तेजी ने स्थिति ही पलट दी है. नॉन्गफू स्प्रिंग (Nongfu Spring) के फाउंडर झोंग शांशान (Zhong Shanshan) जो पिछले 3 वर्षों से चीन के सबसे अमीर व्यक्ति थे, वे कुछ समय के लिए टॉप से हट गए थे. अब, इस नई तेजी के बाद, झोंग फिर से चीन के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं.
जैक मा जैसे अरबपतियों की चांदी
टेक्नोलॉजी क्षेत्र में टेनसेंट होल्डिंग्स (Tencent Holdings) के को-फाउंडर पोनी मा (Pony Ma) को इस उछाल का सबसे ज्यादा फायदा मिला है. उनकी संपत्ति इस साल लगभग 50 प्रतिशत बढ़कर 51 अरब अमेरिकी डॉलर (4,23,150 करोड़ रुपये) हो गई है. टेनसेंट को हाल ही में लॉन्च हुए ब्लॉकबस्टर गेम ब्लैक मिथ: वुकोंग (Black Myth: Wukong) से भी भारी लाभ हुआ है. इसके अलावा, अलीबाबा ग्रुप (Alibaba Group) के को-फाउंडर जैक मा (Jack Ma) की संपत्ति भी बढ़कर 36 अरब अमेरिकी डॉलर (2,98,800 करोड़ रुपये) हो गई है.
लेकिन सिर्फ चीनी अरबपति ही इस प्रोत्साहन पैकेज से लाभान्वित नहीं हुए हैं. एलवीएमएच (LVMH) के बर्नार्ड अरनॉल्ट (Bernard Arnault) की संपत्ति में भी पिछले हफ्ते 26 अरब अमेरिकी डॉलर (2,15,800 करोड़ रुपये) का इजाफा हुआ, क्योंकि उनकी कंपनी के शेयर इस उम्मीद में बढ़े कि चीन के उपभोक्ता लग्जरी मार्केट में वापस आएंगे, जिससे कंपनी की बिक्री में तेजी आएगी.
भारत पर इसका क्या असर?
चीन ने अपने शेयर बाजार को जीवित रखने के लिए 142 अरब डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज दिया है. इसके बाद ही वहां के शेयर बाजार में तेजी आई है. इस तेजी से विदेशी निवेशकों का ध्यान फिर से चीन की ओर आकर्षित हो सकता है, जिससे भारतीय बाजार में निवेश कम हो सकता है.
चीन के प्रोत्साहन पैकेज ने भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के लिए चिंता पैदा कर दी है. पहले, जब चीनी बाजार गिरावट में था, तब FIIs भारतीय बाजार की ओर आकर्षित हुए थे. अब, चीन की तेजी के कारण ये निवेशक वापस चीन की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे भारतीय बाजार में गिरावट आ सकती है.
सोमवार को, FIIs ने एक ही दिन में एक अरब डॉलर से अधिक निकाल लिए हैं. इसी वजह से सेंसेक्स में लगभग 1300 अंकों की गिरावट आई. यह दर्शाता है कि चीन के प्रोत्साहन पैकेज का सीधा नकारात्मक प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर पड़ रहा है. भविष्य में क्या-क्या होगा, पक्के तौर कहा नहीं जा सकता, लेकिन अगर यही स्थिति बरकरार रही तो भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 2, 2024, 11:34 IST