Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 07, 2025, 20:36 IST
प्रकृति में एक ऐसा पेड़ है, जो बीमारियों के लिए रामबाण औषधि से कम नहीं है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि हिंदू धर्म में इस ट्री को जीवन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे स्वर्ग का पौधा भी कहा...और पढ़ें
त्वचा से संबंधित रोगों में भी इस पौधे का उपयोग किया जाता है.
हाइलाइट्स
- क्रिसमस ट्री का तेल मानसिक शांति में सहायक है.
- इसका उपयोग त्वचा विकारों के इलाज में होता है.
- क्रिसमस ट्री की पत्तियां रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं.
जयपुर:- प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसा ही एक पौधा क्रिसमस ट्री है. घर और गार्डन को सुंदर बनाने के लिए यह पौधा जरूर लगाया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने लोकल 18 को बताया कि इस पौधे की अनेकों प्रजातियां हैं, जो राजस्थान राज्य में भी आसानी से उग सकती हैं. इस पौधे के कई आयुर्वेदिक फायदे भी हैं.
इसका उपयोग शरीर में खून वर्दी में सहायक होता है. इस पेड़ के गोंद में अनेक औषधीय गुण होते हैं. खून की कमी को दूर करने में किया जाता है. यह पेट की बीमारियों के लिए रामबाण औषधि से कम नहीं है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि हिंदू धर्म में क्रिसमस ट्री को जीवन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे स्वर्ग का पौधा भी कहा जाता है.
क्रिसमस ट्री के आयुर्वेदिक फायदे
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने Local 18 को बताया कि क्रिसमस ट्री के पेड़ों से प्राप्त एसेंशियल ऑयल का उपयोग सुगंध में किया जाता है. ये तेल तनाव को कम करने, मानसिक शांति देने में भी सहायक है और श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने में मददगार है. आयुर्वेद में सुगंधित तेलों का उपयोग मन और शरीर को संतुलित करने के लिए किया जाता है. इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं.
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
इनकी पत्तियों या छाल से बने काढ़े का उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में किया जाता है. डॉक्टर ने बताया कि क्रिसमस ट्री की हरी-भरी पत्तियां और सुगंध मन को शांत करने में मदद कर सकती है. आयुर्वेद में मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही महत्व दिया गया है. डॉक्टर ने बताया कि छाल, पत्तियों और तेलों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है. इनमें एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण हो सकते हैं. इसके अलावा त्वचा से संबंधित रोगों में भी इस पौधे का उपयोग किया जाता है.
Location :
Jaipur,Rajasthan
First Published :
February 07, 2025, 20:36 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.