नई दिल्ली. दीपों का त्योहार यानी दिवाली कब मनाई जाएगी? यह सवाल कई लोगों के मन में उमड़ रहा है. अपने घर से दूर रह रहे लोग ट्रेन की टिकट कब लें, इसे तय नहीं कर पा रहे हैं. दिवाली की तारीख के कंफ्यूजन पर लोकल 18 की टीम ने काशी, अयोध्या, देवघर और दरभंगा के ज्योतिष से बात की है. पढ़िए ज्योतिषाचार्यों का क्या कहना है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन धन के देवता कुबेर, भगवान गणेश और उनके साथ माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है. इससे हमेशा घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. इस साल दीपावली को लेकर 31 अक्टूबर और 1 नवंबर की तिथि में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है.
अमावस्या की तिथि 1 नवंबर को है, लेकिन दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. उसकी वजह यह है कि 31 अक्टूबर को शाम 3:12 मिनट के बाद अमावस्या की तिथि शुरुआत हो रही है और समापन अगले दिन यानी 1 नवंबर शाम 05 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है. उसके बाद प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है और प्रतिपदा तिथि में दीपावली का त्यौहार नहीं मनाया जाता है.
31 अक्टूबर को पूरी रात अमावस्या होने के कारण 31 अक्टूबर को ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा, क्योंकि उस दिन प्रदोष काल से लेकर देर रात्रि तक माता लक्ष्मी भगवान गणेश और माँ काली की पूजा आराधना की जाती है. इसलिए इस साल 31 अक्टूबर को ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा.
अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार दीपावली को लेकर कई कंफ्यूजन है. कई लोग बता रहे हैं कि 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी. लेकिन पत्रा के अनुसार 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी. तो वहीं राम मंदिर में भी 1 नवंबर को दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.
बीएचयू के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर डॉ सुभाष पांडेय ने बताया कि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक चतुर्दशी तिथि है. उसके बाद अमावस्या तिथि कि शुरुआत हो रही है, जो अगले दिन यानी 1 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. उसके बाद प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होगी. प्रतिपदा तिथि में दीपावली का पूजन नहीं होता है. प्रदोषव्यापिनी और रात्रिव्यापिणी अमावस्या 31 अक्टूबर को ही है, इसलिए 31 तारीख को ही देशभर में दीपावली मनाई जाएगी.
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख, डॉक्टर कुणाल कुमार झा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि इस बार दीपावली 31 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी. उन्होंने कहा, “दीपावली के दिन, यानी 31 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि में सूर्योदय होगा, जो दोपहर 3:23 बजे तक रहेगी. इसके बाद अमावस्या तिथि का आरंभ हो जाएगा. इसी समय दीपदान का खास महत्व होता है, और प्रदोष काल में 7 बजकर 7 मिनट के बाद लक्ष्मी पूजन का विधान है.”
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा होती है. साथ ही, मध्य रात्रि में काली और तारा भगवती का प्राकट्य भी माना जाता है. इसी दिन समुद्र मंथन से अमृत प्राप्त हुआ था, और इसी कारण इसे अमृत पान दिवस भी कहा जाता है. दीपावली के दिन अमृत पान का विशेष महत्व होता है, इसलिए यह पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED :
October 4, 2024, 08:29 IST