दिव्यांग गुड्डू.
बरेली: कहते हैं अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, लक्ष्य मिल ही जाता है. ऐसे में अगर एक अच्छे गुरु का हाथ सिर पर हो, तो कोई परेशानी बड़ी नहीं होती. कुछ ऐसा ही कर रहे हैं बरेली के एक कोच, जिनका नाम अजय कश्यप है, ये दिव्यांग बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं. ऐसा ही एक दिव्यांग लड़का है गुड्डू जो काफी समय से इनके यहां ट्रेनिंग ले रहा है. गुड्डू न बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं.
गुड्डू कम उम्र से ही कोच के पास ट्रेनिंग लेने आ गए थे और अब वे कई स्टेट लेवल में होने वाली प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर कई मेडल अपने नाम कर चुके हैं. इंदौर में हुई प्रतियोगिता में उन्होंने दूसरा स्थान पाया. यहां 1500 मीटर और 5000 मीटर रेस हुई थी. वे पूरी मेहनत और लगन के साथ प्रैक्टिस करते हैं और आने वाली हर चुनौती से डटकर लड़ते हैं.
दिव्यांग खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे कोच
दिव्यांग खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे ट्रेनर एवं कोच अजय कश्यप ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि पहले तो इन्हें समझने में उन्हें काफी कठिनाइयां होती थीं, लेकिन बाद में आदत पड़ गई और वे इन्हें इशारों में चीजों को समझाते हैंं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इनके द्वारा सिखाई गई हर चीज को ये बहुत ही जल्दी पकड़ लेते हैं और ये 1500 मीटर और 5000 मीटर पर अपनी प्रैक्टिस करते हैं.
मूक-बधिर खिलाड़ियों को देते हैं ट्रेनिंग
दिव्यांग खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे कोच अजय कश्यप ने बताया कि वे मूक-बधिर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते हैं. और ऐसा ही एक मूक-बधिर लड़का, जो काफी समय से उनके यहां ट्रेनिंग ले रहा है, गुड्डू, जो कि सुन और बोल नहीं सकते. जब वे छोटे थे, तब ही यहां आए थे और अब वे देश में कई लेवल के खेल खेल रहे हैं.
पहले होती थी कठिनाई
गुड्डू, जो कि सुन और बोल नहीं सकते, उन्हें पहले समझाने में काफी कठिनाइयां होती थी लेकिन धीरे-धीरे आदत पड़ गई और अब वे इन्हें इशारों में चीजों को समझाते हैं. इसके अलावा, इनके द्वारा सिखाई गई हर चीज को ये बहुत ही जल्दी पकड़ लेते हैं और ये 1500 मीटर और 5000 मीटर पर अपनी प्रैक्टिस करते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 08:44 IST