Last Updated:January 23, 2025, 20:38 IST
Punjabi Singer Kumbh Mela : पंजाब में दिलजीत दोसांझ और दलेर मेहंदी जैसे मशहूर गायक हैं, लेकिन किसी ने अब तक महाकुंभ में परफॉर्म नहीं किया था. अब एक दिग्गज पंजाबी गायक को वहां गाने का मौका मिला. भारतीय संगीत के ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- लखविंदर वडाली कुंभ मेले में परफॉर्म करने वाले पहले पंजाबी सिंगर बने.
- वडाली घराने की सूफी भक्ति और लोक संगीत की अनूठी विरासत.
- महाकुंभ 2025 में लखविंदर वडाली की प्रस्तुति ऐतिहासिक मानी गई.
नई दिल्ली: देश-दुनिया से करोड़ों भक्त महाकुंभ में शामिल होने प्रयागराज पहुंच रहे हैं. नेता-अभिनेता से लेकर तमाम सितारों ने पावन संगम पर डुबकी लगाई. वहां के सांस्कृतिक मंच पर कलाकारों ने प्रस्तुतियां भी दीं. महाकुंभ में लखविंदर वडाली 23 जनवरी 2025 को अपनी प्रस्तुति दी. यह मंच संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज द्वारा शुरू किया गया है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है.
वडाली घराने की गौरवशाली परंपरा
लखविंदर वडाली वडाली घराने को रीप्रेजेंट करते हैं. वे अपनी सिंगिंग में सूफी भक्ति, भारतीय शास्त्रीय संगीत और पंजाबी लोक संगीत की अनूठी विरासत को संजोए हुए हैं. वडाली घराने ने दशकों से भारतीय संगीत को संपन्न किया है. इस घराने की परंपरा अमीर खुसरो, बुल्ले शाह और गुरु नानक की शिक्षाओं से प्रेरित रही है. लखविंदर वडाली ने अपनी खास शैली से इस धरोहर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. लखविंदर वडाली ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा, ‘कुंभ मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की आत्मा है. यहां परफॉर्म करना मेरे लिए गर्व का पल है. इस मंच से मैं अपनी संगीत परंपरा के जरिये पूरे देश को वडाली घराने का प्रेम और शांति का संदेश देना चाहता हूं.’
लखविंदर वडाली, वडाली घराने से ताल्लुक रखते हैं.
सांस्कृतिक एकता का उत्सव
महाकुंभ 2025 प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम है, इस बार भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धता को दर्शाने के लिए विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रर्मों का आयोजन कर रहा है. लखविंदर वडाली की प्रस्तुति इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि यह पहली बार है जब पंजाबी संगीत कुंभ मेले के मंच पर प्रस्तुति दी. संगीत प्रेमियों और श्रद्धालुओं के बीच लखविंदर वडाली की परफॉर्मेंस को लेकर भारी उत्साह दिखा. आयोजकों ने बताया कि वे 23 जनवरी की सुबह पहुंचे और सांस्कृतिक मंच पर शाम को अपनी प्रस्तुति दी. यह पल न केवल वडाली घराने के लिए, बल्कि पंजाब और पूरे भारत के लिए एक ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है. लखविंदर वडाली की परफॉर्मेंस ने कुंभ मेले में सूफी संगीत और भक्ति भावना का ऐसा संगम पेश किया, जो लंबे वक्त तक याद रखा जाएगा.
First Published :
January 23, 2025, 20:38 IST