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बस्ती. खेती में नई तकनीक और विचारों के समावेशन के चलते किसानों की कमाई का भी जरिया बढ़ गया है. कृषि के क्षेत्र में नर्सरी का व्यवसाय कमाई का बेहतर जरिया बन सकता है. कई लोग इस व्यवसाय से जुड़कर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं और रोजगार का भी सृजन कर रहे हैं. बस्ती के रहने वाले अनूप कुमार मौर्य भी नर्सरी खोलकर लाखों की कमाई कर रहे हैं. इस नर्सरी में फलदार पेड़, फूलऔर सजावटी पौधे उगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास हजारों पेड़ के पौधे उपलब्ध हैं.
मेहनत और स्मार्ट मार्केटिंग रणनीतियों के चलते नर्सरी ने 7 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. जरूरत पड़ने पर 15-20 और मजदूरों को लगाना पड़ता है. इस नर्सरी में काम करने वाले मजदूरों को ना केवल अच्छी मजदूरी मिलती है बल्कि उन्हें पौधों की देखभाल और खेती के आधुनिक तरीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इससे ना केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, बल्कि वे अपने कौशल में भी निपुण होते हैं.
दो साल से नर्सरी का धंधा कर रहे हैं अनूप
अनूप कुमार मौर्य ने लोकल 18 को बताया कि नर्सरी खोलने का निर्णय 15 अगस्त 2022 को लिया था. उन्होंने बताया कि यह एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय है. इसके माध्यम से पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में मदद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2 साल की मेहनत से ही अब पास दो-दो नर्सररी संचालित कर रहे हैं और इसकी कमाई से एक बीज भंडार की दुकान भी खोल रखी है. उन्होंने बताया कि सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि नर्सरी ने अन्य शहरों में भी अपनी पहचान बनाई है. यहां से पौधे देश के अन्य प्रदेशों में भी निर्यात किए जाते हैं. विभिन्न प्रकार के पौधों की मांग बढ़ने के साथ ही, यह व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहा है.
66 वैरायटी के आम के पौधे हैं उपलब्ध
अनूप कुमार मौर्य ने लोकल 18 को बताया कि नर्सरी में हजारों प्रकार के फलदार पौधे के साथ-साथ फूल एवं मसाले के पौधे भी उपलब्ध हैं. फलदार पौधों में सेब के हरमन-99, अन्ना, एवोकाडो कीवी, रुद्राक्ष, लौंग, इलायची, काली मिर्च, चंदन, सफेद चंदन और आम सहित कई प्रजाति के पौधे उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि 66 प्रकार के आम के पौधे मौजूद है. जिसमें मुख्यतः नूरजहां, मियावाकी, कस्तूरी रेडवरी, अल्फांसो, रेड फॉल मार, काठीमून मुख्य है. काठीमून थाईलैंड आम की प्रजाति है और इसका फलन साल में तीन बार होता है.
एक लाख तक हर माह होती है कमाई
अनूप कुमार मौर्य ने लोकल 18 को बताया कि नर्सरी के बिजनेस से खुश हैं और महीने में एक लाख रुपए तक बचत कर लेते हैं. इस नर्सरी 7 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहें. इस तरह के उद्यम समाज में ना केवल रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे उद्यमियों की कहानियां ना केवल प्रेरणा देती है, बल्कि दूसरों को भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 11:39 IST