Sankashti chaturhti day 2024 : संकष्टी व्रत का पारण चंद्रोदय के बाद किया जाता है.
Sankashti Chaturthi 2024 : गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 13 संकष्टी चतुर्थी व्रतों में से एक है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह कार्तिक माह में मनाई जाती है. ऐसा कहा जाता है कि अगर चतुर्थी पूर्णिमा कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीने में और अमांत कैलेंडर के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष के समय आती है, तो इसे गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं नवंबर के महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि.
नवंबर गणाधिर संकष्टी चतुर्थी की तिथि | Ganadhipa Sankashti Chaturthi november day 2024
- नवंबर के महीने में संकष्टी चतुर्थी 18 नवंबर दिन सोमवार को मनाई जाएगी. संकष्टी चतुर्थी की शुरूआत 18 नवंबर 2024 शाम 06 बजकर 55 मिनट पर होगी, जो अगले दिन 19 नवंबर 2024 को शाम 05 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी.
- वहीं, विघ्नहर्ता की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 26 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक और शाम को 5 बजकर 26 मिनट से रात 7 बजकर 6 मिनट तक है.
- संकष्टी व्रत का पारण चंद्रोदय के बाद किया जाता है. ऐसे में इस दिन चंद्रमा का उदय 7 बजकर 34 मिनट पर होगा.
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
- सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर भगवान गणेश की मूर्ति रखें और उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं.
- इसके बाद, मूर्ति के ठीक सामने एक दीया जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं, पीला सिंदूर चढ़ाएं और मोदक का भोग लगाएं.
- इसके अलावा भगवान गणेश को अर्पित करने के लिए उनकी पसंदीदा जड़ी-बूटी दूर्वा घास लाएं और फिर गणेश कथा का पाठ और आरती करें. पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरित कर दें.
गणाधिप संकष्टी व्रत महत्व
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने और विधि-विधान और श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना से कई लाभ मिल सकते हैं. यह आपके जीवन में खुशियां और तरक्की लाता है, बाधाओं और चुनौतियों से उबरने में मदद करता है. यह व्रत आपको अच्छे स्वास्थ्य, बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद भी देता है. साथ ही, यह मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर आपकी मदद करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)