नवरात्रि में आ रहे हैं मां विंध्यवासिनी धाम, तो जरूर कर लें यहां के दर्शन

2 hours ago 1

X

मां

मां विंध्यवासिनी

मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : विंध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. महालक्ष्मी की रूप मां विंध्यवासिनी के दर्शन मात्र से ही भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है. अगर आप भी मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शनों के लिए आ रहे हैं, तो भैरोनाथ के दर्शन करना न भूलें. कहा जाता है कि भैरोनाथ के दर्शन के बिना यात्रा अधूरी मानी जाती है. अगर आप भी धाम में दर्शन के लिए आ रहे हैं, तो धाम के पास मौजूद भैरोनाथ के दर्शन जरुर करें.

ज्योतिषाचार्य पं. अनुपम महराज ने लोकल 18 से बातचीत में  बताया कि चंडी भगवती के पूजन में भैरो का विशेष स्थान है. यहां पर कंतित में एक लाल भैरों और एक काल भैरव हैं. अगर भक्त मां विंध्यवासिनी के दरबार में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, तो कोतवाल लाल भैरव को प्रमाण करके हाजिरी लगाएं. तत्पश्चात मां के धाम में पहुंच जाएं. धाम में प्रवेश करने से पहले मां की सीढ़ियों पर मत्था टेकना न भूलें. कहा जाता है कि सीढ़ी पर मत्था टेकने से सात कर्मों तक के पाप मुक्त हो जाते हैं.

भगवान गणेश का करें दर्शन

पं. अनुपम महराज ने बताया कि मां के धाम में प्रवेश करने के बाद प्रवेश द्वार पर सर्वप्रथम भगवान गणेश के दर्शन करना चाहिए. उसके बाद मां के दर्शन करिए. मां के चरणों को बारम्बार प्रमाण करें और अपनी आरजू मां से कहें. अगर आप अष्टभुजा और कलिखोह में दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, तो मां के धाम में दुर्गा और महासरस्वती के सूक्ष्म त्रिकोण के दर्शन कर सकते हैं. जिससे बाद आपकी त्रिकोण यात्रा पूरी होती है.

मिर्जापुर के विंध्‍य पर्वत पर बसी मां विंध्‍यवासिनी के दरबार की महिमा अप्रतिम है. महाभारत हो या पद्मपुराण, हर जगह मां के इस स्‍वरूप का वर्णन मिलता है. मां विंध्‍यवासिनी की पूजा के बारे में कहा जाता है कि मां के इस स्‍वरूप की पूजा सृष्टि के आरंभ से ही होती आ रही है. मां के ही आर्शीवाद से इस सृष्टि का विस्‍तार भी माना जाता है.

Tags: Hindi news, Local18, Maa Vindhyavasini Temple, Religion 18

FIRST PUBLISHED :

October 3, 2024, 09:39 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article