जानकारी देते डॉ विपिन कुमार
Langda Bukhar ka Ilaj: पशु विज्ञान विशेषज्ञ डॉ विपिन कुमार ने लोकल 18 से बताया कि लंगड़ा बुखार, गलाघोटू या फिर डायरिया ...अधिक पढ़ें
- News18 Bihar
- Last Updated : October 3, 2024, 11:43 IST
रिपोर्ट- नीरज कुमार
बेगूसराय: किसान खासतौर से खेती या पशु पालन का काम करते हैं. ये दोनों ही काफी मेहनत वाले काम हैं. खेती और पशुपालन दोनों प्रकृति पर भी काफी ज्यादा निर्भर हैं. ऐसे में किसानों के हाथ में बहुत ज्यादा कंट्रोल नहीं रहता है. खेती में जहां मौसम की मार और तरह-तरह के रोगों से किसान मुश्किल में पड़ जाते हैं वहीं पशु पालन में जानवरों को स्वस्थ रखना किसानों के लिए बड़ा चैलेंज है. पशु पालन में रोज जानवरों के चारे का इंतजाम करने के साथ ही उनका दूध निकालने तक में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. बाढ़ या बरसात में कई बार उचित देखभाल न हो पाने के चलते पशु बीमार रहने लगते हैं और सही इलाज न मिल पाया तो पशु मर भी जाते हैं. जैसे वर्तमान में बाढ़ प्रभावित या बरसात से पशुओं में विभिन्न प्रकार के रोग हो रहे हैं. इन रोगों में लंगड़ा बुखार कई जानवरों को हो रहा है. जान लेते हैं पशुओं को इससे बचाने का तरीका क्या है.
लंगड़ा बुखार ले सकती है जानवरों की जान
किसान उदय शंकर सिंह ने लोकल 18 से बताया कि बाढ़ या बरसात के समय गाय, भैंस और अन्य दुधारू पशुओं में लंगड़ा बुखार नामक बीमारी काफी ज्यादा देखने को मिलती है. खासतौर से यह बीमारी गायों में ज्यादा होती है. पशु विज्ञान के अनुसार लंगड़ा बुखार दुधारू पशुओं में होने वाली सबसे जानलेवा बीमारी मानी जाती है. अगर पशु इसकी चपेट में आ जाए और समय से इसकी देखभाल ना हो पाए तो उसकी मृत्यु तक हो जाती है. यह बीमारी दूषित जल पीने से होती है. बाढ़ या बरसात का पानी इसका बड़ा कारण है. पशुओं में इस बीमारी के अलावा गला घोटू और डायरिया भी सामने आती है.
पशु विशेषज्ञ से सीखिए बचाव का तरीका
कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर, बेगूसराय के पशु विज्ञान विशेषज्ञ डॉ विपिन कुमार ने लोकल 18 से बताया कि लंगड़ा बुखार, गलाघोटू या फिर डायरिया इस मौसम में पशुओं में सामने आ रहे हैं. ऐसे रोग गाय या भैंस के साथ-साथ अन्य दुधारू पशुओं में होता है. मिट्टी के द्वारा क्लोस्टरीडियम चौवई नामक जीवाणु पशुओं में फैलते हैं. दूषित जल या फिर शरीर पर मौजूद घाव के ज़रिये भी यह संक्रमण पशुओं में फैल सकता है.
डॉक्टर विपिन ने बताया कि लंगड़ा बुखार में पशु को बुखार होता है और उसके पिछली और अगली टांगों के ऊपरी भाग में भारी सूजन आ जाता है. सूजन वाली जगह सूख कर उनकी चमड़ी कड़ी हो जाती है. बाद में इस स्थान पर घाव हो सकते हैं. बचाव के लिए किसान भाई पशुओं को स्वच्छ नल का जल दें और पशु चिकित्सक को दिखाएं. इसके साथ ही टीकाकरण अवश्य करवाएं.
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 11:43 IST