मोती डूंगरी पर मां दुर्गा की मूर्तियां बनाती महिला शिल्पकार.
जयपुर में सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं, खासकर नवरात्रि और दीपावली पर. नवरात्रि के दौरान, मां दुर्गा की मूर्तियां बनाने का काम जोरों पर है. जयपुर के हर इलाके में दुर्गा मां की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं, लेकिन मूर्तियों की बिक्री सबसे ज्यादा जे.एल.एन. मार्ग, मोती डूंगरी पर होती है. यहां नवरात्रि में मूर्तियां खरीदने के लिए लोगों की भीड़ सबसे ज्यादा उमड़ती है. मां दुर्गा की छोटे साइज से लेकर बड़े आकार की भव्य मूर्तियां बनाई जाती हैं, जो मिट्टी और अन्य सामग्रियों से तैयार की जाती हैं. मूर्तियां बनाने का काम नवरात्रि से एक महीने पहले ही शुरू हो जाता है ताकि समय की डिमांड के हिसाब से सुंदर मूर्तियां तैयार की जा सकें. इन मूर्तियों को एक ही परिवार के सभी शिल्पकार मिलकर बनाते हैं, और हर मूर्ति में अलग-अलग डिजाइन और मुद्रा की प्रस्तुति होती है.
मूर्तियों की कीमत 500 रुपये से 50 हजार रुपये तक
मोती डूंगरी पर मां दुर्गा की सुंदर मूर्तियां सैकड़ों की संख्या में बनाई जाती हैं, जिनमें छोटे आकार से लेकर बड़े आकार तक की मूर्तियां शामिल हैं. इनकी कीमत भी अलग-अलग होती है. सामान्यतः मां दुर्गा की सबसे छोटी मूर्तियों की कीमत 500 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक होती है.
कैसे तैयार की जाती हैं मूर्तियां
आपको बता दें, इन मूर्तियों को पहले कच्चे रूप में डमी के रूप में तैयार किया जाता है. इसके बाद इन पर मिट्टी का प्रयोग किया जाता है और फिर इन्हें विभिन्न रंगों से पेंट किया जाता है. अंत में, मूर्तियों को चमकदार बनाने के लिए सजाया जाता है, और फिर ये पूरी तरह से तैयार हो जाती हैं. यहां मूर्तियां बनाने वाले शिल्पकार हर साल त्योहारी सीजन में उत्तर प्रदेश से जयपुर आते हैं और मूर्तियां बनाकर वापस लौट जाते हैं.
महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका
आपको बता दें, दुर्गा पूजा के लिए बनने वाली मूर्तियों को यहां एक ही परिवार के लोग बनाते हैं, जिनमें महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा होती है. वर्षों से मूर्तियां बनाने का काम कर रहे मुकेश कुमार बताते हैं कि उनके परिवार के पुरुष पहले मूर्तियों का ढांचा तैयार करते हैं और फिर मूर्तियों के श्रृंगार का काम विशेष रूप से महिलाएं करती हैं. महिलाओं में श्रृंगार की विशेष पहचान होती है, जिसमें रंगों से लेकर चमक तक सभी सुंदरता के सामानों का उपयोग किया जाता है. वर्तमान में, जयपुर में इन मूर्तियों को खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, और इनमें छोटे आकार की मूर्तियों को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 14:30 IST