नई दिल्ली. आज 3 अक्टूबर, 2024 गुरुवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. आज से 10 दिन तक रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे उत्सव मनाए जाएंगे. इसके चलते देशभर में व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी. कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के अनुसार, इन 10 दिनों में देशभर में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है. अकेले दिल्ली में ही लगभग 8 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा. इन उत्सवों के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है, जिससे व्यापारियों को काफी फायदा होगा. पिछले साल लगभग 35 हज़ार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि त्योहारों में खरीद की खास बात यह है कि इसमें ज्यादातर भारतीय उत्पाद ही होंगे. अब लोगों का चीन से बने सामानों से मोहभंग हो चुका है. भारतीय प्रोडक्ट की गुणवत्ता अच्छी होने की वजह से अब चीन के सामानों की बिक्री कम हो गई है. देशभर में नवरात्रि, रामलीला, गरबा एवं डांडिया जैसे 1 लाख से अधिक छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम शामिल हैं.
लाखों को मिलता है रोजगार
कैट के अनुसार, नवरात्रि में देशभर में भक्ति संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और इन उत्सवों के जरिए लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. नवरात्रि के समापन पर विजयदशमी, दुर्गा विसर्जन, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह पर जाकर त्योहारों की यह शृंखला समाप्त होगी. अकेले दिल्ली में ही छोटी-बड़ी लगभग एक हजार से अधिक रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं. सैकड़ों दुर्गा पूजा के पंडाल भी लगते हैं.
कपड़ों की भी जमकर बिक्री
खंडेलवाल ने बताया कि इस त्योहारों के सीजन में कपड़े एवं परिधान खासकर पारंपरिक परिधान जैसे साड़ी, लहंगा, और कुर्ते की मांग काफी बढ़ती है. पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं, जिससे इस श्रेणी में व्यापार में उछाल देखने को मिलता है. बड़े पैमाने पर पूजा सामग्री की माँग भी होती है. पूजन के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे फल, फूल, नारियल, चुनरी, दीपक, अगरबत्ती और अन्य पूजन सामग्रियों की भारी मांग रहती है.
मिठाइयों की बंपर बिक्री
खाद्य एवं मिठाई जैसी चीजों की वस्तुएं भी खूब बिकती हैं. हलवा, लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयों की खपत इस दौरान बढ़ जाती है. बड़ी मात्रा में फलों और फूलों की भी माँग रहती है. त्योहारों में घर और पूजा पंडालों को सजाने के लिए साज-सज्जा के सामान, जैसे दीयों, बंदनवार, रंगोली सामग्री और लाइटिंग की मांग बढ़ जाती है. नवरात्रि और रामलीला उत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी होते हैं. इन दिनों पंडाल बनाने के लिए टेंट हाउस, सजावटी कंपनियां आदि को काफी व्यापार मिलता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 16:34 IST