नींबू की खेती से कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ना है? यहां मिल रही जबरदस्त ट्रेनिंग

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Agency:Local18

Last Updated:January 29, 2025, 11:06 IST

Lemon Cultivation Training: मेहसाणा जिले के सूनशी गांव में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस स्थित है. यहां किसानों को नींबू की खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है. किसानों को गहराई से प्रशिक्षण प्...और पढ़ें

नींबू की खेती से कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ना है? यहां मिल रही जबरदस्त ट्रेनिंग

नींबू की खेती का प्रशिक्षण

हाइलाइट्स

  • मेहसाणा में नींबू की खेती की ट्रेनिंग दी जाती है.
  • सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तीन प्रकार के प्रशिक्षण होते हैं.
  • किसानों को नींबू की खेती के गहन प्रशिक्षण मिलते हैं.

मेहसाणा: गुजरात के मेहसाणा जिले के विसनगर तालुका के सूनशी गांव में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस स्थित है. इस सेंटर की शुरुआत कुछ समय पहले की गई थी. यहां मौसंबी, संतरा और सब्जियों की फसलों के ट्रायल लेकर विभिन्न किस्मों का मूल्यांकन किया जाता है. उत्तर गुजरात में इन फसलों का उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है और किसानों को कैसे लाभ हो सकता है, इस पर प्रयास किए जाते हैं. साथ ही, यहां किसानों को नींबू के पौधों की देखभाल से लेकर हार्वेस्टिंग तक की सभी जानकारियां दी जाती हैं.

बड़े पैमाने पर नींबू की खेती
बता दें कि मेहसाणा जिले में बड़े पैमाने पर नींबू की खेती की जाती है. इसके लिए मेहसाणा के सूनशी गांव में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस स्थित है. यहां किसानों को नींबू की खेती के अलावा ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग और प्राकृतिक कृषि (Natural Agriculture) आदि सिखाई जाती है. यहां तीन प्रकार के प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं. एक दिन का प्रशिक्षण, आवासीय प्रशिक्षण (Residential Training) और विकास प्रशिक्षण. उत्तर गुजरात के जिलों के किसान यहां प्रशिक्षण लेने आते हैं.

बता दें कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस में प्रोजेक्ट ऑफिसर के रूप में कार्यरत विलासभाई एन. पटेल ने बताया, “किसानों के लिए तीन प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है. एक दिन के प्रशिक्षण में आसपास के किसान आते हैं और नींबू की खेती के बारे में सीखते हैं. दूसरा कौशल विकास प्रशिक्षण (Skill Development Training) होता है, जिसके लिए एडवांस कैलेंडर जारी किया जाता है. यह प्रशिक्षण 15 से 30 दिनों का होता है और आवासीय होता है. सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति 250 रुपये का भुगतान किया जाता है. किसानों को नींबू की खेती के बारे में गहराई से सिखाया जाता है.”

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विलासभाई पटेल ने आगे बताया, “इस प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए बागवानी निदेशक की वेबसाइट पर जानकारी दी जाती है. इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. इसके अलावा, हमारे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड सिट्रस से संपर्क करके भी इन प्रशिक्षणों में शामिल हो सकते हैं. सेंटर पर पौधों की भी देखभाल की जाती है, जिसमें मुख्य रूप से कागदी नींबू के पौधों की देखभाल की जाती है. किसानों को निर्धारित कीमतों पर पौधे दिए जाते हैं. वर्तमान में प्रति पौधा 20 रुपये की कीमत है. इसके अलावा, भविष्य में मौसंबी और अन्य सिट्रस फलों के उच्च गुणवत्ता वाले पौधों की देखभाल के लिए भी काम शुरू है.”

First Published :

January 29, 2025, 11:06 IST

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