पंजाब उपचुनाव में AAP का जलवा, 3 में से 2 सीटों पर कब्जा; 1 सीट कांग्रेस ने जीती

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चंडीगढ़:

पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल में, जबकि कांग्रेस ने बरनाला सीट पर जीत हासिल की. इस वर्ष के प्रारंभ में निवर्तमान विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उपचुनाव करवाना जरूरी हो गए थे.

सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के गढ़ को भेदने में कामयाब रही, हालांकि वह बरनाला विधानसभा क्षेत्र में अपना गढ़ मुख्य विपक्षी पार्टी के हाथों हार गई.

उपचुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली क्योंकि उसके उम्मीदवार चारों सीटों पर तीसरे स्थान पर रहे. शिरोमणि अकाली दल ने उपचुनाव में हिस्सा नहीं लिया था. इस जीत के साथ ही 117 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 94 सीटें और कांग्रेस के पास 16 सीटें हो जाएंगी.

जैसे ही नतीजे आए, आप नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटी और ढोल की थाप पर नृत्य किया, जबकि सफल उम्मीदवारों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विजय जुलूस निकाले.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उपचुनाव में शानदार जीत के लिए पंजाब के लोगों को बधाई दी. उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी पूरे देश में दिन-प्रतिदिन नयी ऊंचाइयों को छू रही है. हम पंजाब की तरक्की और खुशहाली के लिए ईमानदारी और बिना किसी भेदभाव के दिन-रात काम कर रहे हैं. हम उपचुनाव के दौरान पंजाबियों से किए गए हर वादे को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेंगे. सभी को शुभकामनाएं.''

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि पंजाब के लोगों ने उपचुनाव में उनकी पार्टी को चार में से तीन सीटें देकर एक बार फिर आप की विचारधारा और राज्य सरकार के काम में अपना विश्वास जताया है.

गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट पर आप के हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने कांग्रेस की अमृता वडिंग को 21,969 वोटों से हराया. ढिल्लों को 71,644 वोट मिले, जबकि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता को 49,675 वोट मिले. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को 12,227 वोट मिले. शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सुखराज सिंह को केवल 715 वोट मिले.

लुधियाना से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद राजा वडिंग ने गिद्दड़बाहा सीट खाली कर दी थी. राजा वडिंग ने 2012, 2017 और 2022 में गिद्दड़बाहा सीट पर जीत दर्ज की थी.

चब्बेवाल विधानसभा सीट पर आप के उम्मीदवार इशांक कुमार चब्बेवाल ने जीत हासिल की. इशांक ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत कुमार को 28,690 मतों के अंतर से हराया. इशांक कुमार को 51,904 वोट मिले जबकि रंजीत कुमार को 23,214 वोट मिले. भाजपा के सोहन सिंह ठंडल 8,692 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

इशांक कुमार के पिता राजकुमार चब्बेवाल 2022 में इस सीट से विजयी रहे थे. राजकुमार कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन वह बाद में आप में शामिल हो गए थे. राजकुमार के होशियारपुर से लोकसभा के लिए चुने जाने पर चब्बेवाल सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा.

आप उम्मीदवार गुरदीप सिंह रंधावा ने डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस की जतिंदर कौर को 5,699 मतों के अंतर से हराया. कांग्रेस और आप के बीच कड़े मुकाबले में रंधावा को 59,104 वोट मिले, जबकि कौर को 53,405 वोट मिले. भाजपा उम्मीदवार रवि करण सिंह कहलों तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें सिर्फ 6,505 वोट मिले.

कौर तीसरे से आठवें चरण की गिनती तक आगे थीं लेकिन बाद में रंधावा ने बढ़त बना ली. कौर गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी हैं, जिन्होंने 2002, 2012, 2017 और 2022 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था.

हालांकि, बरनाला विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप सिंह ढिल्लों ने आप के हरिंदर सिंह धालीवाल को 2,157 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की. बहुकोणीय मुकाबले में ढिल्लों को 28,254 वोट मिले, जबकि धालीवाल को 26,097 वोट मिले.

भाजपा उम्मीदवार केवल सिंह ढिल्लों को 17,958 वोट मिले, जबकि आप के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार गुरदीप सिंह बाथ को 16,899 वोट मिले. शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार गोविंद सिंह संधू को 7,900 वोट मिले.

बरनाला सीट पर आप की संभावनाओं को आप के बागी गुरदीप सिंह बाथ ने कमजोर कर दिया, जिन्होंने पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा. बाथ को 16,000 से अधिक वोट मिले.

बरनाला सीट को आप का गढ़ माना जाता था. आप के गुरमीत सिंह मीत हेयर, जो अब संगरूर के सांसद हैं, ने 2017 और 2022 में बरनाला क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.

उपचुनावों को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए एक इम्तिहान के रूप में देखा जा रहा था क्योंकि जीत उनके लिए महत्वपूर्ण थी. आप को 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजाब में हार का सामना करना पड़ा था जिसमें वह राज्य की 13 संसदीय सीटों में से सिर्फ तीन पर जीत हासिल कर सकी थी.

भाषा आशीष माधव

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