रांची. झारखंड की राजनीति में इन दिनों एक महिला नेत्री की चर्चा हाट-बाजार से लेकर सियासी गलियारों में खूब हो रही है. महिला नेत्री को सुनने-देखने और उनके साथ तस्वीर लेने के लिए सुबह से देर रात तक महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. दरअसल वो नेत्री कोई और नहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन हैं. कल्पना सोरेन ने महज 8 महीने पहले ही सक्रिय रूप से राजनीति में एंट्री की थी. लेकिन, जिस तरह उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है वो राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका की ओर भी इशारा कर रही है.
बता दें, 31 जनवरी 2024 को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद कल्पना सोरेन ने सक्रिय रूप से राजनीति में कदम रखा . इससे पहले वो सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपने पति हेमंत सोरेन के साथ यदा कदा दिख जाती थी. लेकिन, पति के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने अपने परिवार के साथ-साथ जेएमएम को भी संभालने का काम किया. INDIA गठबंधन के अंदर भी उन्होंने तेजी से अपनी सक्रियता बढ़ाई. पति की गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताते हुए भावनात्मक भाषणों से वो जनता की हमदर्दी समेटने में कामयाब रही.
स्टार प्रचारक के रूप में बनाई पहचान
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ वो झारखंड के अंदर स्टार प्रचारक के तौर पर स्थापित हो गई . इस दौरान हर दिन झारखंड के अलग-अलग जिलों से आए जेएमएम के अगुवा नेताओं के साथ अपने आवास पर बैठक कर रणनीति तैयार करती रही. लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा तो उसके साथ होने वाले गांडेय उपचुनाव में वो खुद उम्मीदवार बनी. लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वो सबसे ज्यादा डिमांड वाली नेत्री बन गई. स्टार प्रचारक के तौर पर चुनावी समर में मोर्चा संभाला . यही वजह है कि खुद गांडेय विधानसभा की सीट जीतने के साथ-साथ राज्य में लोकसभा की सभी 5 ST सीट INDIA गठबंधन जीतने में सफल रही. 28 जून 2024 को हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए , उनके बाहर आने तक जे एम एम के पास एक मजबूत और जनता के बीच लोकप्रिय नेत्री के तौर पर कल्पना सोरेन थी. फिर चंपाई सोरेन की विदाई और हेमंत सोरेन की ताजपोशी का उलट फेर भी देखने को मिला.
झारखंड चुनाव से पहले एक्टिव कल्पना सोरेन
अब जबकि विधानसभा चुनाव का बिगुल कभी भी बज सकता है तब CM हेमंत सोरेन और पत्नी कल्पना सोरेन ने अलग-अलग मोर्चा संभाल लिया है. CM हेमंत सोरेन सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के चौथे चरण सहित सरकारी कार्यक्रम में व्यस्त है तो कल्पना सोरेन राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान यात्रा के बहाने फिर एक बार जनता के बीच है. कहने को तो इस यात्रा का नेतृत्व विभागीय मंत्री बेबी देवी कर रही है. लेकिन, यात्रा के केंद्र बिंदु में कल्पना सोरेन है. कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह भी इस यात्रा में शामिल है. अब तक 7 दिनों की यात्रा पूरी हो चुकी है. पलामू प्रमंडल से शुरू हुई यात्रा कोल्हान प्रमंडल में राजनीति के लिहाज से यादगार रही. सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक महिलाओं की भारी भीड़ इस यात्रा की सफलता को बयां करने के लिए काफी है.
गर्मजोशी से हो रहा है कल्पना सोरेन का स्वागत
यात्रा के दौरान स्वागत, रोड शो, नुक्कड़ सभा, आम सभा में कल्पना सोरेन सहित दूसरे मंत्रियों का गर्म जोशी से स्वागत किया जा रहा है. 5 से 6 घंटे तक कार्यक्रम विलंब होने के बावजूद महिलाओं का उत्साह कम नहीं दिखता है. ग्रामीण इलाकों में महिलाएं हाथ में मोबाइल लिए कल्पना सोरेन का घंटों इंतजार करती है. मूसलाधार बारिश में कही कुर्सियों को सिर पर रख कर कल्पना सोरेन को सुनने की जिद , तो कही मैदान में कल्पना सोरेन को सुनने के लिए दूर तक छाता ही छाता का दिख जाना. महिलाओं के अंदर यात्रा को लेकर जोश और कल्पना सोरेन के प्रति समर्थन को दर्शाता है.
CM हेमंत सोरेन से कम नहीं कल्पना सोरेन का जलवा
कल्पना सोरेन का जलवा CM हेमंत सोरेन से कम नहीं है. वो भीड़ में आते ही अपने समर्थकों को अपने खास अंदाज में आकर्षित करती है. पारंपरिक तौर पर स्वागत के साथ महिलाओं के साथ कभी नृत्य, तो कभी उनके कंधे पर हाथ धरकर हाल चाल पूछती है. सड़क पर भीड़ ज्यादा हो तो गाड़ी पर चढ़ जाना , कभी गाड़ी के ऊपर बैठ जाना उनकी यात्रा का हिस्सा बन गया है. सभा के दौरान मंच पर आते ही क्षेत्र के हिसाब से संबोधन की शुरुआत करती है. कल्पना सोरेन हिंदी, इंग्लिश, बंगला, उड़िया, संथाली भाषा में संबोधित करती हुई आपको दिख जाएंगी. यही अंदाज उनके समथकों को खूब भा रहा है.
विपक्ष पर अलग अंदाज में निशाना
कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से मिलने वाली राशि की जानकारी देने के साथ-साथ इस योजना के निरंतर जारी रहने का दंभ भी भर रही है. विपक्ष पर निशान साधते हुए वो कहती है कि बीजेपी वालों को आपके चेहरे की खुशी बर्दाश्त नहीं हो रही. वो नहीं चाहते की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो. इस लिए उन्होंने हाई कोर्ट PIL कर दिया है. कल्पना सोरेन आगे कहती है कि आधी आबादी के लिए बीजेपी ने आखिर अब तक क्यों नहीं सोचा. उनको किसने रोका था.
क्या गेम चेंजर होगी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना
दरअसल आधी आबादी के लिए बीजेपी के पास ना तो हेमंत सोरेन के जैसी सोच है और ना ही हेमंत सोरेन है. इस यात्रा की खास बात ये है कि जब कल्पना सोरेन उनसे योजना अच्छी लगी या नहीं ? योजना आगे जारी रखना चाहिए या नहीं ? हेमंत दादा को आप साथ देंगे या नहीं ? जैसे सवाल पूछती है तो भीड़ की तरफ से मजबूत जवाब सुनाई देती है. सभा में शामिल महिलाएं उनका साथ देती हुई नजर आती है . राजनीतिक पंडितों के अनुसार मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना और कल्पना सोरेन की ये यात्रा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 17:01 IST