Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:January 30, 2025, 13:23 IST
अमर प्रेम की निशानी चूरू जिले के दुधवाखारा में हैं. जो कि अनमोल कहानी से कम नहीं है. फर्क बस इतना है कि यहां पत्नी ने पति की याद में हूबहू ताजमहल बनवाया है. देखिए खबर
चूरू का ताजमहल
हाइलाइट्स
- चूरू में पत्नी ने पति की याद में ताजमहल बनवाया.
- इमारत संगमरमर से बनी और शिव मंदिर भी है.
- सावन माह में विशेष पूजा के लिए श्रद्धालु आते हैं.
चूरू. भारत में एक नहीं बल्कि दो ताजमहल है जी हां यकीन करना थोड़ा मुश्किल है और ताहमहल का नाम आते ही आगरा का ताजमहल ही जहन में आता है और आपको भारत के दूसरे ताजमहल का दीदार करना है तो आप सीधे चले आए चूरू, जहां एक बार आप भी चौक जाओगे और हैरत में पड़ जाओगे. दुनिया में प्यार के किस्से और कहानियां बहुत सी पढ़ी और सुनी होंगी. आगरा के ताजमहल को प्यार की निशानी कहा जाता है जिसे शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया. ताजमहल प्रेम की अमरता का एक नायब प्रतीक है. जो कि बरसों बाद भी एक मिसाल बनी हुई है. ऐसी ही अमर प्रेम की निशानी चूरू जिले के दुधवाखारा में हैं. जो कि अनमोल कहानी से कम नहीं है. फर्क बस इतना है कि यहां पत्नी ने पति की याद में हूबहू ताजमहल बनवाया है.
जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर 70 साल पहले इस इमारत को सेठ हजारीमल की पत्नी सरस्वती देवी और उनके दत्तक पुत्र ने इसे बनवाया था. इसकी बनावट हूबहू ताजमहल से मिलती है. इस भवन में एक शिव मंदिर भी है, जहां विशेष तौर पर सावन माह में महीने भर धार्मिक आयोजन होते हैं. खास, बात यह है कि पूरी इमारत संगमरमर के पत्थरों से बनाई गई है और उम्दा कारीगरी का ये एक बेहतरीन नमूना है. ग्रामीण नरेंद्र दाधीच ने बताया कि सरस्वती देवी ने इमारत को बनाने के लिए राजस्थान के बेहतरीन कारीगरों को बुलाया था. इसका नायाब नमूना भी इसके निर्माण में देखने को मिलता है. कारीगरों ने इस इमारत में पत्थरों को जोड़ने के लिए कही भी बजरी या सीमेंट काम में नहीं ली है. आने वाले यात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए इसके पास ही में धर्मशाला बनाई गई है.
भोले के अभिषेक के लिए इंग्लैंड से आया इत्र
गांव के नरेंद्र बताते हैं कि मंदिर में शिव की स्थापना के दौरान भगवान भोले का इत्र से अभिषेक किया गया जो इत्र इंग्लैंड से मंगवाया गया और अभिषेक के दौरान इत्र यहां की नालियों में बह गया, इसे ग्रामीण बोतलों में भर कर ले गए और इत्र की खुशबू आस-पास के गांवों तक फैली और तब से ही सावन माह में विशेष पूजा के लिए यहां दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं. खासकर शिवरात्रि के दिन काफी संख्या में लोग यहां भोले बाबा के दर्शनों के लिए आते हैं.
गुबंद है आकर्षक
इमारत के परिसर में ही सेठ हजारीमल की समाधि बनी हुई है. यहां पर उनकी पत्नी सरस्वती देवी की प्रतिमा भी है. इस इमारत के गुबंद इतने आकर्षक है कि व्यक्ति को निहारने पर मजबूर कर देता है. इमारत की छत से पूरा गांव भी देखा जा सकता है.
Location :
Churu,Churu,Rajasthan
First Published :
January 30, 2025, 13:23 IST