पराली की टेंशन को करें बाय-बाय, ऐसे करें इस्तेमाल, सबको मिलेगा फायदा

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Stubble Management : पराली की टेंशन को करें बाय-बाय, ऐसे करें इस्तेमाल, सबको मिलेगा फायदा

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Stubble Management : पराली की टेंशन को करें बाय-बाय, ऐसे करें इस्तेमाल, सबको मिलेगा फायदा

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पराली निस्तारण 

शाहजहांपुर: इन दिनों धान की कटाई हो रही है. धान की कटाई के बाद फसल अवशेष पराली का निस्तारण करना किसानों के लिए एक चुनौती रहती है, लेकिन अगर पराली का बेहतर निस्तारण कर लिया जाए तो यह किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद हो सकती है. पराली का बेहतर निस्तारण करने से मृदा स्वास्थ्य में सुधार होता है और किसानों को फसलों से कम लागत में अच्छा उत्पादन मिलता है. लेकिन अगर पराली को खेत में जला दिया जाए तो यह हमारी मिट्टी और पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा सकती है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है. पराली जलाने से हानिकारक गैस और कण वायुमंडल में मिलते हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है. वायु प्रदूषण से सांस की बीमारियां, आंखों में जलन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. पराली जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं. पराली जलाने से मिट्टी में रहने वाले सूक्ष्मजीव और कीड़े मर जाते हैं, जिससे जैव विविधता को नुकसान होता है. लेकिन अगर पराली का बेहतर निस्तारण कर लिया जाए तो ये मृदा और किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. पराली को खाद बनाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है. पराली से बायोगैस बनाकर ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है. कुछ प्रकार की पराली को पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

डॉ.एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसान पराली को खेत में ही निस्तारित करें. पराली निस्तारण के लिए कई कृषि यंत्र भी आ गए हैं. जिन पर केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा 80% तक की छूट दी जा रही है.

  • किसान धान की कटाई के बाद गेंहू की बुवाई करना चाहते हैं, तो हैप्पी सीडर या सुपरसीडर से सीधे गेहूं की बुवाई कर सकते हैं. साथ ही पराली निस्तारण भी हो जाएगा.
  • अगर किसी दूसरी फसल की बुवाई करना चाहते हैं तो मल्चर से पराली निस्तारण कर सकते हैं. मल्चर से पराली को छोटे-छोटे टुकड़ों में कुतरकर खेत में बिखेर दिया जाता है, जिसके बाद एमबी पलाऊ से खेत की गहरी जुताई कर पराली को मिट्टी में मिला दिया जाता है.
  • इसके अलावा रेकर और बेलर की मदद से पराली के गट्ठर बनाकर उसको खेत बाहर निकाल सकते हैं. बेलर से बने हुए गट्ठर को बेचा भी जा सकता है.
  • पराली का उपयोग पशुओं के लिए सूखे चारे के तौर पर किया जा सकता है.

Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi

FIRST PUBLISHED :

October 9, 2024, 15:35 IST

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