बोटाड: गुजरात में पशुपालन का बिसनेस दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. कई किसान खेती के साथ पशुपालन कर साल में लाखों रुपये कमा रहे हैं. इसके अलावा, कई लोग अन्य पेशे छोड़कर पशुपालन की ओर रुख कर रहे हैं. इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए पशुपालन विभाग ने कई अभिनव योजनाएं (Innovative Schemes) शुरू की हैं, जैसे खानदान योजना, चारा काटने की मशीन योजना और कृत्रिम गर्भाधान योजना (Artificial insemination scheme).
क्या है कृत्रिम गर्भाधान योजना?
बता दें कि कृत्रिम गर्भाधान योजना के तहत राज्य सरकार पशुपालकों को सहायता प्रदान करती है. इस योजना में पशुपालन के लिए ₹3000 तक की मदद दी जाती है. इस योजना के लिए iKhedoot पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेजों (Required Documents) के साथ आवेदन करना होता है.
क्यों होती है इसकी ज़रूरत?
अक्सर जंगल में जाने के बाद नर पशु मादा पशु के पास नहीं जाते या फिर डरते हैं. इसके अलावा, कई बार मादा पशु के पास सही पैरों या अंगों की कमी के कारण उन्हें वश में करना मुश्किल होता है. ऐसे मामलों में कृत्रिम गर्भाधान का उपयोग किया जाता है, जिसमें एक अच्छे नस्ल के नर पशु का वीर्य (animal semen) मादा के गर्भाशय में डाला जाता है.
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डॉक्टर का क्या कहना है?
लोकल 18 से बात करते हुए गढ़डा सरकारी पशु चिकित्सालय के डॉ. जे.डी. माकवाना ने जानकारी दी, “कृत्रिम गर्भाधान योजना का लाभ लेने के लिए iKhedoot पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. इसमें आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, राशन कार्ड और बछड़े का जन्म प्रमाणपत्र शामिल है.
अब आप सोच रहे होंगे इस योजना का लाभ आपको मिलेगा कि नहीं तो बता दें कि कृत्रिम गर्भाधान योजना का फायदा केवल उन्हीं पशुपालकों को मिलता है जिनके यहां बछड़े का जन्म हुआ है और वह 11 महीने से कम उम्र का है. इस योजना के तहत सरकार द्वारा ₹3000 तक की सहायता दी जाती है.”
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 13:46 IST