अल्मोड़ा. मैदानी इलाकों की तुलना में पहाड़ों में वाहन चलाना मुश्किल भरा काम होता है. टेढ़े-मेढ़े पहाड़ी रास्तों पर गाड़ी चलाना आसान काम नहीं है. वहीं मैदानी इलाकों के ड्राइवर पहाड़ों में गाड़ी चलाते समय कई गलतियां करते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं. हादसों का सबसे प्रमुख कारण तेज गति से वाहन चलाना होता है. अगर आप भी पहाड़ों में घूमने आ रहे हैं, तो जान लीजिए कि आपकी गाड़ी की स्पीड कितनी होनी चाहिए ताकि आप दुर्घटना और चालान से बच सकें.
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के आरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, विभिन्न सड़कों के अलग-अलग मानक होते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में गाड़ी (वाहन के प्रकार के हिसाब से) की स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है. हल्के वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, तो वहीं भारी वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. दोपहिया वाहनों की अधिकतम स्पीड 35 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है. अल्मोड़ा आरटीओ जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाता है. ओवर स्पीड पर पकड़े जाने पर आपका 2000 रुपये का चालान होगा और तीन महीने के लिए आपका लाइसेंस भी निरस्त हो सकता है.
गति नियंत्रण के लिए कमेटी का गठन
अल्मोड़ा की आरटीओ अनीता चंद ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जगह-जगह पर मोड़ होते हैं. जब बाहर से कोई भी पर्यटक आता है, तो उन्हें पता नहीं चलता है कि वह अपनी गाड़ी की स्पीड कितनी रखें और वाहन अनियंत्रित होने के चलते ही ज्यादातर हादसे होते हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों की गति नियंत्रण के लिए कमेटी भी गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष जिले के एसएसपी होते हैं. इसके अलावा परिवहन, स्थानीय प्रशासन, लोक निर्माण और अन्य अधिकारी भी समिति के सदस्य होते हैं. उन्हीं की संस्तुति पर वाहनों की गति का निर्धारण किया जाता है. अल्मोड़ा नगरपालिका क्षेत्र और अन्य मार्गों में गति का निर्धारण किया जा चुका है. दिसंबर 2023 में इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई थी. विभिन्न जगहों पर स्पीड को लेकर साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं. इस साल अभी तक आरटीओ ने ओवर स्पीड में 365 लोगों के चालान काटे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 24:16 IST