पितृ दोष से मुक्ति के लिए मंत्र
ऋषिकेश: पितृ पक्ष हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए समर्पित 15 दिनों का विशेष समय होता है. यह भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलता है. इस दौरान लोग अपने पितरों को याद कर श्राद्ध, तर्पण, और पिंडदान जैसे अनुष्ठान करते हैं. माना जाता है कि इन क्रियाओं से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितृ पक्ष का उद्देश्य पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और उनकी आत्मा की मुक्ति के लिए प्रार्थना करना है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. वहीं कुछ ऐसे मंत्र है जिनका जाप करने से पितृ दोष दूर होता है.
लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि पितृ पक्ष हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति और शांति के लिए मनाया जाने वाला पवित्र काल है. इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं, ताकि उनकी आत्माओं को शांति मिले. यह मान्यता है कि पितृ पक्ष में किए गए अनुष्ठानों से पूर्वजों की आत्माएं संतुष्ट होती हैं और परिवार को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस काल में विशेष रूप से दान और धार्मिक क्रियाओं का महत्व होता है, जिससे पितरों का कर्ज चुकाने की भावना जुड़ी होती है.
पितृ दोष से मुक्ति के लिए मंत्र
पितृ दोष को दूर करने के लिए पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना जाता है.ये मंत्र पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उपयोग किए जाते हैं और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करते हैं. वो मंत्र इस प्रकार हैं:
“ॐ श्री पितृभ्यः नमः”
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्“
“ॐ पितृ देवताभ्यो नमः”
कहा जाता है कि इन मंत्रों का श्रद्धा और नियमपूर्वक जाप करने से पितृ दोष शांत होता है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है.
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FIRST PUBLISHED :
September 23, 2024, 09:43 IST
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