पीएम फसल बीमा याेजना का ऐसे ले सकते हैं लाभ, फटाफट कर लें ये काम

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खेत में किसान खेत में किसान 

नागौर. किसानों के लिए अच्छी खबर है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तहत डीडवाना-कुचामन जिले में रबी मौसम 2024-25 के लिए 8 फसलें अधिसूचित की गई है. इसके तहत ऋणी कृषकों के ऋण स्वीकृति, नवीनीकरण एवं गैर ऋणी, बटाईदार कृषकों से ऑनलाइन बीमा प्रस्ताव प्राप्त करने की अन्तिम तिथि रबी फसल के लिए 31 दिसम्बर रखी गई है. समस्त फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी एवं बंटाईदार कृषक जो अधिसूचित फसलें उगा रहे है, उन्हें शामिल किया गया है.

ऋणी कृषकों द्वारा योजना से पृथक रहने के लिए नामांकन की अन्तिम दिनांक से 7 दिन पूर्व रबी के लिए 24 दिसंबर तक वित्तीय संस्थान को घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जाएगा. नामांकित ऋणी कृषक नामांकन की अंतिम तिथि से दो दिन पूर्व रबी के लिए 29 दिसंबर तक फसल के नाम में परिवर्तन करवा सकते हैं. योजना में सम्मिलित होने के लिए भू-स्वामित्व के साक्ष्य, लैंड पोजिशन प्रमाण-पत्र, बैंक खाता संबंधी साक्ष्य आदि दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे. राज्य के पूर्व के 33 के जिलों के आधार पर नागौर डीडवाना-कुचामन सहित जिले के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को योजना के क्रियान्वयन के लिए चयनित किया गया है.

लाभ लेने के लिए करना होगा यह काम

खरीफ एवं रबी फसलों के लिए जोखिम स्तर 80 प्रतिशत निर्धारित है. खड़ी फसल में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात के कारण उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम में शामिल किया गया है. बीमा फसल कटाई उपरान्त सूखने के लिए खेत में काटकर या फैलाकर छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान पर भी लाभ मिलेगा. इसके लिए कटाई उपरान्त अधिकतम 14 दिन की अवधि के लिए प्रभावित बीमित फसल के कृषक को आपदा के 72 घंटे के अन्दर सीधे भारत सरकार द्वारा संचालित कृषि रक्षक पोर्टल एवं हेल्पलाइन 14447 पर अथवा कोप इंश्योरेंस एप अथवा लिखित में अपने वित्तीय संस्थान, कृषि कार्यालय के माध्यम से सूचित करना आवश्यक है.

आकलन के लिए किसान के साथ जाएंगे सर्वेयर

आपदा के 72 घंटे में कृषक द्वारा पूर्ण सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो वह कृषक 7 दिवस में पूर्ण सूचना निर्धारित प्रपत्र में संबंधित बीमा कम्पनी को आवश्यक रुप से उपलब्ध कराएगा, परन्तु 72 घंटे में सूचना देना अति आवश्यक है. फसलों की क्षति के आंकलन के लिए बीमा कम्पनी के सर्वेयर, संबंधित कृषक व स्थानीय कृषि विभाग के कर्मचारी के साथ संयुक्त रुप से किया जाएगा. यदि अधिसूचित ईकाई क्षेत्र में फसल के कुल बीमित क्षेत्र के 25 प्रतिशत से अधिक की क्षति की सूचना प्राप्त होती है, तो अधिसूचित ईकाई के वे कृषक जिन्होंने अपनी फसल का बीमा कराया है तथा कृषक जिनके द्वारा बीमा कम्पनी को निर्धारित समयावधि में सूचित किया गया है, को प्रतिदर्श सर्वेक्षण के आधार पर क्षतिपूर्ति देय होगी.

Tags: Agriculture, Bihar News, Local18, Nagaur News

FIRST PUBLISHED :

November 16, 2024, 11:44 IST

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