पौराणिक मान्यता या अंधविश्वास! वो प्रथाएं जिसमें जानवरों की बलि दी जाती है

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Agency:Local18

Last Updated:January 24, 2025, 17:04 IST

Bali pratha: दक्षिण भारत में जानवरों की बलि प्रथा धार्मिक आस्थाओं और शक्ति पूजा से जुड़ी है. विभिन्न राज्यों में बलि की परंपरा अलग-अलग रूप में देखने को मिलती है

पौराणिक मान्यता या अंधविश्वास! वो प्रथाएं जिसमें जानवरों की बलि दी जाती है

प्रतीकात्मक तस्वीर

दक्षिण भारत अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं के लिए जाना जाता है. यहां की कुछ प्रथाएं ऐसी भी हैं, जो आधुनिक समय में भी विवादों के घेरे में हैं. इनमें से एक है जानवरों की बलि देने की प्रथा. यह परंपरा शक्ति पूजा और लोक मान्यताओं से जुड़ी हुई है. हालांकि, इन प्रथाओं को लेकर कानूनी और सामाजिक बहस लगातार बढ़ रही है.

बलि प्रथा का ऐतिहासिक महत्व
दक्षिण भारत में जानवरों की बलि देने की परंपरा का इतिहास हज़ारों साल पुराना है. माना जाता है कि यह प्रथा शक्ति देवी, ग्राम देवताओं और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप विकसित हुई. प्राचीन काल में लोग मानते थे कि बलि से देवता प्रसन्न होते हैं और इससे समाज पर आने वाले संकट और बीमारियां टल जाती हैं.  ऐसे अनुष्ठानों में भैंस, बकरा, मुर्गा और सुअर जैसे जानवरों की बलि चढ़ाई जाती है.

प्रमुख प्रथाएं और त्योहार
दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में बलि की परंपरा अलग-अलग रूप में देखने को मिलती है.

  • पोथुराज पंडुगुलु (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना):
    यह त्योहार ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. देवी मां को खुश करने और फसल की अच्छी पैदावार के लिए जानवरों की बलि दी जाती है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है.
  • काली पूजा (तमिलनाडु और कर्नाटक):
    काली पूजा के दौरान शक्ति की देवी काली को प्रसन्न करने के लिए भैंस और बकरों की बलि दी जाती है. इस प्रथा का उद्देश्य समाज से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करना है.
  • मरीअम्मन उत्सव (तमिलनाडु):
    यह उत्सव देवी मरीअम्मन को समर्पित है, जिन्हें बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा करने वाली देवी माना जाता है. इसमें बकरों की बलि दी जाती है.

कानून और बलि प्रथा
भारत में पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम, 1960 के तहत जानवरों के प्रति हिंसा को रोकने का प्रावधान है. लेकिन धार्मिक परंपराओं और भावनाओं के चलते इस कानून को कई जगहों पर लागू करना कठिन साबित होता है. हालांकि, हाल के वर्षों में सरकार और न्यायालयों ने इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई है. कई राज्यों में बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

January 24, 2025, 17:03 IST

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