प्रयागराज: वैसे तो प्रयागराज संगम हमेशा श्रद्धालुओं से भरा होता है लेकिन सर्दियों में इस संगम की सुंदरता में चार चांद लगाने बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान आ जाते हैं. ये विदेशी मेहमान जीरो डिग्री सेल्सियस से भी न्यूनतम तापमान में वर्ष भर रहते हैं लेकिन सर्दी के मौसम में जैसे ही साइबेरिया का तापमान माइनस में जाता है तो वहां से ये साइबेरियन पक्षी पलायन करते हुए उत्तर भारत के इलाकों में पहुंच जाते हैं. ये पक्षी उन जलीय स्थानों पर पहुंचते हैं जहां उन्हें भोजन की उपलब्धता हो. इतनी सर्दियों में प्रयागराज संगम खिल उठा है क्योंकि विदेशी मेहमान आकर इसे दूधिया रंग में डूबा दिए हैं.
दाना खिलाकर करते हैं मनोरंजन
सर्दियों में प्रयागराज संगम और खूबसूरत हो जाता है. लोग रंग बिरंगे गर्म कपड़े पहन कर संगम पहुंच रहे हैं. गंगा यमुना के संगम पर साइबेरियन पक्षी चहकते हुए देखने को मिलते हैं. पर्यटक भी इनको दाना खिलाकर खूब आनंद उठाते हैं. इस मनोरम दृश्य का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है.
इस मनोरम दृश्य का दीदार करने लोग नाव की सवारी करते हुए वीआईपी घाट से संगम तक जाते हैं. ऐसे में न केवल संगम पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होती है बल्कि यहां पर नविकों को भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है. नाविक बालमुकुंद निषाद ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया की सर्दियों के मौसम में साइबेरियन पक्षियों के साथ मनोरंजन करने आने वाले लोग नाव का किराया भी अच्छा देते हैं.
पांच महीने का होता है इनका वास
नाविक बालमुकुंद निषाद ने बताया कि वैसे तो अक्टूबर माह में ही इन पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है लेकिन नवंबर में हजारों की संख्या में यह साइबेरियन पक्षी मां गंगा की गोद में आकर रहते हैं. जहां इनका घर होता है वहां तापमान काफी नीचे चला जाता है और हमारे यहां का तापमान उनके लिए अनुकूल होता है. यही वजह है कि नवंबर से लेकर मार्च तक ये पक्षी आपको संगम पर नजर आएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 23:27 IST