Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 03, 2025, 21:22 IST
मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज कुंभ संगम घाट पर स्नान करने की मनोकामना लिए घर से निकले 70 वर्षीय डोमी यादव प्रयागराज में मचे भगदड़ के दौरान लापता हो गए थे. इसके बाद क्या हुआ, सारी जानकारी खुद डोमी यादव से ज...और पढ़ें
70 वर्षीय डोमी यादव
हाइलाइट्स
- कुंभ मेले में लापता बुजुर्ग डोमी यादव घर लौटे.
- भगदड़ में घायल हुए थे, प्रशासन से मदद नहीं मिली.
- परिवार में खुशी का माहौल, ग्रामीण मिलने पहुंचे.
सहरसा:- प्रयागराज महाकुंभ में ना जाने कितने परिवार बिछड़ गए. लेकिन कई जगह पल भर का मातम खुशी में बदल गया. एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कुंभ मेले में लापता हुए बुजुर्ग व्यक्ति का है. अपनों से बिछड़ने के बाद जब वो अपने घर पहुंचे, तो बुजुर्ग को देख सभी की आंखें खुली की खुली रह गई.
भगदड़ में हो गए थे लापता
दरअसल मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज कुंभ संगम घाट पर स्नान करने की मनोकामना लिए घर से निकले 70 वर्षीय डोमी यादव प्रयागराज में मचे भगदड़ के दौरान लापता हो गए थे. डोमी यादव मूल रूप से बिहार के सहरसा जिला अंतर्गत सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के मोहम्मदपुर गांव वार्ड 06 के रहने वाले हैं, जिनके साथ डोमी यादव प्रयागराज कुंभ मेला गए थे. वे सारे लोग सही सलामत अपने घर लौट आए. लेकिन डोमी यादव बिछड़ने के कारण वे घर नहीं लौटे, जिसके बाद परिवार के लोगों में चिंताएं बढ़ गई और अपने स्तर से परिजन उनकी तलाश में लगे हुए थे.
प्रयागराज कुंभ मेला में भगदड़ मचने के बाद बीते 5 दिनों से डमी यादव अपने परिवार के संपर्क भी नहीं साध पा रहे थे. लेकिन अचानक जख्मी अवस्था में डोमी यादव अपने घर लौट आए. इसके बाद परिवार में खुशी का माहौल देखा जा रहा है. सुबह से ही डोमी यादव को देखने के लिए ग्रामीण उनके घर पहुंच रहे हैं.
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भीड़ में बुरी तरह हो गए घायल
डोमी यादव ने जानकारी देते हुए लोकल 18 को बताया कि 29 जनवरी को कुंभ मेला में भगदड़ मचने के बाद हम अपने साथियों से बिछड़ गए और भीड़ के शिकार होने के कारण हम बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. प्रयागराज में प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद भी हमें कोई सहयोग नहीं मिल पाया, जिस वजह से हम प्रयागराज में ही घर आने के लिए भटकते रहे. प्रयागराज में बिहार के कुछ लोग मिले, जिनके द्वारा मुझे घर लौटने लिए कुछ सुझाव दिए गए.
इसके बाद हम वहां के सहयोग से ट्रेन पकड़कर पटना पहुंचे और पटना से ट्रेन के द्वारा सिमरी बख्तियारपुर पहुंचे. भगदड़ मचने के बाद वहां की स्थिति काफी भयावह हो गई थी. कौन, कहां रह गया, किसी को कोई देखने वाला नहीं था. यहां तक कि भटके हुए लोगों को प्रशासनिक मदद भी नहीं मिल पा रही थी. प्रशासनिक सहयोग मिलता, तो शायद 5 दिन तक हमको भटकना नहीं पड़ता.
First Published :
February 03, 2025, 21:22 IST