नई तकनीक का जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक
गोपालगंज. रबी फसलों की बुवाई का मौसम चल रहा है. किसानों की चाहत होती है कि खेतों में मेहनत के साथ बोये गए बीज से अच्छी उपज हो. ऐसे में किसान बीज के किस्म से लेकर खाद की क्वालिटी और मिट्टी की तैयारी का भी ध्यान रख रहे हैं. कृषि विभाग भी इस प्रयास में है कि किसान अपने खेतों से अच्छी उपज प्राप्त करें. कृषि विज्ञान केंद्र की टीम भी इस पर काम कर रही है. कृषि विभाग के अधिकारी और कषि वैज्ञानिकों की टीम किसानों से अपील कर रही है कि बुवाई से पहले बीजों का उपचार करें.
इससे फसल की अच्छी उपज होगी और कोई बीमारी लगने की संभावना नहीं होगी. आजकल बीच उपचार की एक नई तकनीक एफआईआर काफी चर्चा में है. यह एफआईआर पुलिस से संबंधित नहीं, बल्कि बीज के उपचार से संबंधित शब्द है. जिसकी विधिवत जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के कीट विशेषज्ञ वैज्ञानिक अभिषेक राणा ने दी.
क्या है एफआइआर तकनीक
दरअसल,एफआईआर बीजोपचार की तीन अलग-अलग विधियों का संक्षिप्त नाम है. इसमें एफ से फंगीसाइड, आइ से इंसेंक्टिसाइड और आर से राइजोबियम कल्चर होता है. इसी क्रम में बीजों का उपचार भी किया जाता है. अगर इस तकनीक से बीजों का उपचार कर लिया जाए, तो बीजों की क्वालिटी उन्नत किस्म की हो जाती है और उपज बेहतर होती है.
बीमारियाें से बचाने के लिए डालें फंगीसाइड
बीजों में फंगीसाइड को मिलाने से फंगस नहीं लगते हैं और बीमारी लगने की संभावना पहले ही काफी कम हो जाती है. फंगीसाइड मिलाने के बाद बीजों को स्वस्थ माना जाता है. फसल में कीड़ा ना लगे, इसके लिए इंसेक्टिसाइड का उपयोग करना चाहिए. फंगीसाइड मिलाने के बाद बीजों में इंसेक्टिसाइड मिला दिया जाता है. इससे फसल उगाने से पहले भी बीज में कोई कीड़े लगते हैं और फसलों में भी कीड़े लगने की संभावना कम हो जाती है.
दलहन के लिए जरूरी है राइजोबियम कल्चर
राइजोबियम कल्चर सभी बीजों के लिए जरूरी नहीं है. गेंहू की बीज में इसकी आवश्यकता नहीं है, लेकिन दलहन या फलीदार पौधे के बीजों के लिये यह जरूरी है. सभी फलीदार पौधों की बोआई से पहले राइजोबियम कल्चर से बीजों का उपचार कर लेना चाहिए.
Tags: Agriculture, Bihar News, Gopalganj news, Local18
FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 13:06 IST