महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंडी जीत हुई है. महायुति ने महाविका अघाड़ी को बुरी तरह हराया है. इस जीत में मध्य प्रदेश भा ...अधिक पढ़ें
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- Last Updated : November 24, 2024, 14:49 IST
भोपाल: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा को उत्साह से भर दिया है. महाराष्ट्र के वोटरों ने भाजपा नीत महायुति को सरकार बनाने के लिए बहुमत दिलाकर राज्य की सत्ता में फिर से काबिज कर दिया. भाजपा और महायुति की इस महाविजय में मध्य प्रदेश भाजपा की टीम का बड़ा रोल है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में अपनाई गई रणनीति और प्रबंधन को महाराष्ट्र में भी दोहराया गया. इससे मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी पार्टी अभूतपूर्व जीत हासिल करने में सफल रही. मध्य प्रदेश की तरह वहां भी विधानसभा सीटों की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर समीक्षा में 80 कमजोर विधानसभा सीटें चुनी गईं. इन कमजोर सीटों पर माइक्रो मैनेजमेंट करते हुए प्रत्येक बूथ पर 100 वोट बढ़ाने की खास रणनीति पर काम किया गया. हर बूथ को जिताने के इस प्रयोग और प्रयास ने पार्टी के पक्ष में चुनाव की दिशा ही बदल दी.
पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रबंधन में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद की रणनीति इस चुनाव में भी प्रभावी रही और पार्टी जीत की ओर बढ़ती गई. चुनाव में भाजपा ने अपने छह राज्यों के संगठन महामंत्रियों को भी महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों की कमान सौंपी. इनमें मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ क्षेत्र संगठन महामंत्री अजय जामवाल, मध्य प्रदेश के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, गुजरात के प्रदेश संगठन महामंत्री रत्नाकर, पवन साय छत्तीसगढ़, चंद्रशेखर तेलंगाना को लगभग 4 महीने पहले ही अपने-अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंप दी थी. इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में भाजपा के लिए जी तोड़ मेहनत की और बेहतरीन नतीजे देने में कामयाब रहे.
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव की अभूतपूर्व कामयाबी को देखते हुए मध्य प्रदेश भाजपा की टीम को भी चुनाव अभियान में जोड़ा. मध्य प्रदेश से भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद को कठिन राजनीतिक समीकरण वाले विदर्भ क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी. इनके साथ ही महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री विश्वास सारंग, सांसद बंशीलाल गुर्जर एवं गजेन्द्र पटेल आदि ने अलग अलग इलाकों में कुशल चुनाव प्रबंधन अच्छे नतीजे देने वाला साबित हुआ.
लाडली से लेकर लाभार्थी तक मध्य प्रदेश की रणनीति चली
चुनाव प्रचार में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की लाडली बहना योजना का थोड़ा बदले स्वरूप में महाराष्ट्र में लाना पार्टी के लिए काफी फायदेमंद रहा. इससे महिला वोटर भाजपा की ओर झुके. वहीं, मध्य प्रदेश की तरह योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क कर उन्हें बीजेपी के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित किया.
4 महीने कमान संभाली पर सोशल मीडिया से रखी दूरी
भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. बड़ी संख्या में उनके फॉलोअर्स भी हैं लेकिन 4 महीने महाराष्ट्र में चुनाव की कमान संभालने के दौरान उन्होंने इससे संबंधित एक भी पोस्ट अपने सोशल मीडिया हैंडल पर नहीं की. इस दौरान उन्होंने पूरी तरह से सक्रिय रहकर चुनाव की रणनीति की कमान संभाली.
एससी एसटी क्षेत्र में भी लगे नेता
एससी-एसटी बहुल क्षेत्रों में प्रदेश के एससी-एसटी के प्रभावशाली नेताओं फग्गनसिंह कुलस्ते, लालसिंह आर्य ने अनुसूचित जाति, जनजाति बहुल सीटों पर चुनाव प्रबंधन और रणनीति पर काम किया.
मध्य प्रदेश के संगठन का है नाम
मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सूत्र बताते हैं कि भाजपा का मध्य प्रदेश का संगठन काफी अनुशासित और मजबूत स्थिति में है. राष्ट्रीय नेतृत्व भी इस बात से भली-भांति परिचित है इसीलिए मध्यप्रदेश भाजपा की टीम को महाराष्ट्र के कठिन माने जा रहे चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसे पूरी टीम ने कुशलता से निभाते हुए बेहतरीन परिणाम दिए.
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 14:49 IST