फूल के बर्तन का प्राचीन रिवाज, क्या है इसके पीछे का राज? जानिए रीवा की परंपरा!

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फूल

फूल के बर्तन

Phool Ke Bartan: रीवा और विन्ध्य क्षेत्र में विवाह समारोहों में फूल के बर्तनों का प्राचीन रिवाज है, जो राजा जनक के समय ...अधिक पढ़ें

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रीवा. रीवा सहित समूचे विन्ध्य में विवाह के दौरान फूल से बने बर्तन का उपयोग किया जाता है. पुत्र विवाह हो या पुत्री का विवाह हो, दोनों ही विवाह में फूल के बर्तन का उपयोग करना विन्ध्यवासी काफी पसंद करते हैं.

उनके मुताबिक राजा जनक जी ने अपनी बेटी सीता और भगवान राम के विवाह में फूल के बर्तन का ही उपयोग किया था. इसलिए सारे नहीं लेकिन कुछ प्रमुख बर्तन हैं जो विंध्य के लोग उपयोग करते हैं. इनमें फूल की थाली, लोटा, ग्लास आदि. विवाह में तिलक पूजा, द्वार पूजा, कन्यादान, समधी भोजन और कलेवकी की रस्म में फूल के बर्तनों का उपयोग किया जाता है.

अब बढ़ गया है स्टील का चलन
दुकानदारों के अनुसार अब स्टील के चलन में कुछ गिने चुने ही फूल के बर्तन लोग खरीदते हैं. उसका कारण यह भी हो सकता है कि आज के समय में फूल के बर्तन की कीमत बहुत ज्यादा है इसलिए भी लोग कम खरीद पाते हैं. फूल के बर्तन जल्दी टूट जाते हैं तो रखरखाव की भी बजह से लोग गिने चुने फूल का बर्तन लेते हैं.

फूल के बर्तनों के फायदे
आज से पांच दशक पहले तक फूल मिश्रधातु की काफी डिमांड थी. इनका इस्तेमाल बर्तनों के अलावा हथियार बनाने में भी किया जाता था. पीतल और तांबे के बर्तनों की तरह ही फूल धातु के बर्तनों के भी स्वास्थ्य के लिहाज से कई फायदे हैं.

फूल के बर्तन में खाना खाने से तनाव में राहत मिलती है. कहते हैं कि फूल के बर्तनों में भोजन से शरीर में नई ऊर्जा पैदा होती है. इन बर्तनों में खाने से मोटापे की समस्या दूर होती है. इन बर्तनों के उपयोग से जोड़ो के दर्द में राहत मिलता है. फूल के बर्तनों में खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है. फूल के बर्तनों में खाना खाने से शुगर भी बैलेंस रहता है.

तीन दशक पूर्व थी जमकर डिमांड
आज से लगभग तीन-चार दशक पहले तक ही फूल के बर्तनों की काफी मांग थी. घर के बड़े बुजुर्गों ने तो लंबे वक्त तक इन बर्तनों में भोजन का स्वाद भी उठाया है. रीवा में पहले फूल के बर्तन का कारखाने हुआ करते थे लेकिन आधुनिक युग में माग कम होने से बंद हो गये.
Edited By- Anand Pandey

Tags: Indian Culture, Local18, Madhya pradesh news, Rewa News

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 15:37 IST

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