हाइलाइट्स
सरकारी स्कूल से हिंदी मीडियम में पढ़ाई करने वाला बना अफसर. मिठाई दुकानदार का बेटा नीरज कुमार बना प्रशासनिक अधिकारी. बीपीएससी परीक्षा के चौथे प्रयास में नीरज ने हासिल किया 10वां रैंक.
जमुई. मशहूर कवि सोहन लाल द्विवेदी की एक कविता है…लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है, मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है, आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…कोई भी अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदारी से मेहनत करे तो कामयाबी मिल ही जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी है बीपीएससी के 69 वी संयुक्त परीक्षा में 10वां रैंक हासिल करने वाले जमुई के खैरा के सिंगारपुर गांव का 26 वर्षीय नीरज कुमार की. नीरज कुमार ने तीन बार असफल होने के बाद अपने चौथे प्रयास में यह कामयाबी अपने नाम किया है. खास बात यह कि इससे पहले तीन प्रयास में नीरज पीटी भी नहीं निकाल सके थे.
बीपीएससी के 69 वी संयुक्त परीक्षा में नीरज का चयन ट्रेजरी ऑफिसर और नियोजन अधिकारी के पद पर हुआ है. हिंदी मीडियम से खैरा के सरकारी स्कूल से इंटर और अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई कर 10वां रैंक हासिल करने वाले नीरज ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. इस कामयाबी पर नीरज के घर खुशियां का माहौल है.
नीरज का कहना था कि वह शिक्षा सेवा या रोजगार सेवा में ही जाना चाहते थे और उन्होंने पुलिस सेवा को वरीयता नहीं दी थी. उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि चौथे प्रयास में कामयाब हुए. इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और छोटे भाई शिवम को देते हैं. नीरज ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए बताया कि वो लगन के साथ मेहनत करें, ईमानदारी से पढ़ाई और तैयारी सफलता देगी ही.
नीरज के पिता मंटू गुप्ता खैरा चौक पर मिठाई की दुकान चलाते हैं. इस होनहार के पिता और माता नन मैट्रिक हैं. नीरज के पिता मंटू गुप्ता ने कहा कि वह वह उतना ही पढ़ा है जितना हस्ताक्षर कर सके, मां भी नन मैट्रिक है. जमुई के एक गांव के लाल के इस कामयाबी पर घर पर खुशियां हैं जहां भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह भी नीरज के घर पहुंच कर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
Tags: Bihar News, BPSC exam, Success Story
FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 18:16 IST