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बांग्लादेश में सोशल मीडिया के जरिये देश के बंटवारे की साजिश, BNP ने नाम लिए बिना साधा मोहम्मद यूनुस पर निशाना
ढाका. इस वक्त बांग्लादेश में रोज कुछ न कुछ बवाल चलता ही रहता है. देश में सरकार विरोधी हिंसक आंदोलन के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना को देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा था. उसके बाद हिंदुओं को निशाना बनाकर हमले किए गए. अभी भी इस्कॉन टेंपल के एक साधु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में तनाव चरम पर है. इसके बाद बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने बुधवार को कुछ लोगों द्वारा किए जा रहे बुरे प्रयासों पर गहरी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि वे सोशल मीडिया के जरिये देश को विभाजित करके अंधकार की ओर ले जाने की कोशिश कर रही हैं.
उन्होंने एक चर्चा में कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुई कुछ घटनाओं के बाद हम बहुत चिंतित हैं. जरा सोचिए कि धर्म के मुद्दे पर कितना पागलपन फैलाया जा रहा है. बीएनपी नेता ने चिंता जाहिर करते हुए अचरज जाहिर किया कि प्रेस की आजादी के लिए बीएनपी और अन्य लोकतांत्रिक दलों के लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के बावजूद, प्रोथोम एलो और द डेली स्टार जैसे मीडिया संस्थान अब हमले के घेरे में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग, जो खुद को सबसे लोकप्रिय और देशभक्त मानते हैं, देश के भीतर विभाजन को भड़का रहे हैं और इसे अंधकार की ओर धकेल रहे हैं.
किसी का सीधे नाम लिए बिना फखरुल ने सवाल किया कि विभाजन और फूट के बीज बोने के लिए जिम्मेदार लोग बांग्लादेश के सच्चे दोस्त हैं या दुश्मन. गौरतलब है कि कांग्रेस ने बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बुधवार को चिंता जाहिर की और उम्मीद जताई कि भारत सरकार वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाएगी. बांग्लादेश पुलिस ने हिंदू समूह ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के नेता दास को ढाका के हजरत शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्षेत्र से सोमवार को गिरफ्तार किया था.
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बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार को दास की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक बयान में कहा कि ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के सामने आ रहे असुरक्षा के माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त करती है. इस्कॉन संत की गिरफ्तारी इसका ताजा उदाहरण है.’ उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार बांग्लादेश की सरकार पर आवश्यक कदम उठाने और अल्पसंख्यकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव डालेगी.
Tags: Bangladesh, Bangladesh news
FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 21:15 IST