फ्री में मिली शिक्षा तो दिखाया हुनर, अटल बिहारी से भी सम्मान पा चुके भूपेंद्र

2 hours ago 1

X

फ्री

फ्री में मिली शिक्षा तो दिखा दिया हुनर, अटल बिहारी से भी सम्मान पा चुके हैं भूपेंद्र

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: हर सफल व्यक्ति के पीछे एक प्रेरणादायक कहानी होती है, जो उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है जो अपने बड़े सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आज हम आपको गड़वार ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बजहा में कार्यरत प्रभारी प्रधानाध्यापक भूपेंद्र कुमार मिश्र की कहानी बताएंगे, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देती है. इस संघर्षमय सफर ने भूपेंद्र को प्रधानमंत्री की सराहना तक पहुंचाया.

भूपेंद्र कुमार मिश्र बलिया जिले के सागरपाली के निवासी हैं. उनके पिता एक छोटे किसान थे, और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी. भूपेंद्र का बचपन अभावों में बीता, यहां तक कि उन्हें फटे कपड़े पहनने पड़े. उनकी माताजी फटे कपड़ों में पेवन (जोड़) लगाकर पहनने के लिए देती थीं. भूपेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में संपन्न हुई, लेकिन उच्च शिक्षा के लिए वे काशी गए.

अटल बिहारी वाजपेयी से मिल चुका है सम्मान
काशी के श्री नंदलाल बाजोरिया संस्कृत महाविद्यालय, अस्सी घाट से उन्होंने प्रथमा, पूर्व मध्यमा और उत्तर मध्यमा की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद, उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में व्याकरण विषय से शास्त्र और आचार्य की पढ़ाई की, जिसमें उन्हें स्वर्ण पदक मिला. यह सफलता भूपेंद्र के आत्म-सम्मान और सपनों को नया आयाम देने वाली साबित हुई. वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया. इसके बाद, 2005 में उन्होंने मथुरा से बीएड की डिग्री प्राप्त की.

असफलताओं के बाद भी नहीं मानी हार
पढ़ाई पूरी करने के बाद, भूपेंद्र ने नौकरी के लिए कई जगह इंटरव्यू दिए, लेकिन असफलता ने उन्हें निराश कर दिया. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते रहे. बिहार में शिक्षकों की भर्ती निकली, जिसमें उनका चयन हुआ और उन्होंने वहां दो साल तक सेवाएं दीं. इसके बाद, उत्तर प्रदेश में सहायक अध्यापक पद के लिए आवेदन किया, जिसमें उनका चयन आजमगढ़ जिले में हुआ. कई सालों तक सेवा करने के बाद, 2018 में उन्हें बलिया जिले में सहायक प्रधानाध्यापक का दायित्व सौंपा गया.

सफलता की कहानी
भूपेंद्र कुमार मिश्र की यह कहानी यह सिखाती है कि संघर्ष और असफलताएं हमें तोड़ नहीं सकतीं, अगर हम मेहनत और संकल्प से आगे बढ़ते रहें. आज वे बलिया के एक प्राथमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैं और उनके जीवन की यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो जीवन में किसी भी विपरीत परिस्थिति के बावजूद सफलता के सपने देख रहे हैं.

पांच महीने में पुलिस वाले बनेंगे साइबर कमांडो, कानपुर IIT करा रहा स्पेशल कोर्स

Tags: Ballia news, Local18, Success Story

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 12:37 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article