पिंडी माता के मंदिर में एक साथ हजारों महिला करती है दुर्गा पाठ
वैशाली. वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर से लगभग 30 किलोमीटर दूर सहदेई प्रखंड क्षेत्र के मुरौवतपुर में माता का ऐसा दरबार है जहां हजारों भक्त एक साथ बैठकर सामूहिक रूप से दुर्गा पाठ करते है. खास बात है कि यहां हर जाति वर्ग के लोग एक साथ पूजा पर बैठते है जिसमें सबसे अधिक भागीदारी महिलाओं की होती है. मान्यता है कि भक्तों की हर मुराद पिंडी के रूप में स्थापित मां पूरी करती है.
दरअसल, इस स्थान के स्थापना की कहानी काफी रोचक है जिसके बारे में बताया जाता है कि स्थानीय निवासी नत्थे खान अंग्रेजो के खिलाफ आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहे थे उन्होंने पहले आंदोलन सिपाही विद्रोह में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था जिस कारण अंग्रजो ने 1860 के आस पास उन पर मुकदमा दर्ज कराया था और उसी मुकदमे को लेकर वह मुजफ्फरपुर जा रहे थे. क्योंकि तब वैशाली मुजफ्फरपुर जिला में ही था.
ऐसे हुई थी स्थापना
घर से निकलने के बाद रास्ते में नत्थे खान को प्यास लगी. चकौसन गांव के पास एक झोपड़ी में एक महिला मिली, जिसने उन्हें पीने का पानी दिया और कहा, “आज तुम केस से बरी हो जाओगे, उसके बाद मुझे अपने साथ लेकर चलना.” पानी पीकर नत्थे खान मुजफ्फरपुर के लिए चल दिए, और कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. जब वह लौटकर वापस आए, तो वहां न तो वह महिला थी, न ही झोपड़ी, बल्कि वहां एक छोटा सा पीपल का पेड़ था. वह पेड़ लेकर वह अपने घर लौटे और उसे हिन्दू समाज के लोगों को देकर मां की पिंडी के रूप में स्थापित कराया. इतना ही नहीं, नत्थे खान ने अपनी 12 कट्ठा जमीन भी दी, जिस पर आज मंदिर बना है और पीपल का पेड़ भी मौजूद है. लगभग डेढ़ सौ साल पहले स्थापित इस माता के दरबार में, आज भी नवमी के दिन पहली बलि नत्थे खान के नाम की दी जाती है और उसके बाद ही अन्य भक्त बलि देते हैं. यह दरबार न केवल वैशाली, बल्कि आसपास के कई जिलों के भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 14:53 IST