बचपन से मजदूरी...पिता की मौत ने तोड़ा, ITI कर सरकार से रोजगार के लिए लिया लोन

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बचपन से मजदूरी...पिता की मौत ने तोड़ा, ITI कर लिया सरकार से लोन, अब दे रखा है 10 लोगों को रोजगार

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बचपन से मजदूरी...पिता की मौत ने तोड़ा, ITI कर लिया सरकार से लोन, अब दे रखा है 10 लोगों को रोजगार

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नवल

नवल कुमार 

मुजफ्फरपुर. समस्या का सामना करना चुनौती पूर्ण जरूर होता है लेकिन अगर आप चुनौती को स्वीकार कर इसका सामना मेहनत से करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी. ऐसी ही एक कहानी है एक अलमारी कारोबारी की जिसके पास कभी पैसे नहीं थे वह आज सालाना लाखों की आमदनी कर रहा है. जिले के मुशहरी प्रखंड के रहने वाले नवल की कहानी काफी प्रेरणादायक है. नवल आज अलमारी का कारखाना चलते है लेकिन इसकी शुरुआत काफी संघर्ष पूर्ण थी. बता दे कि बचपन में पिता जी के साथ मजदूरी और पढ़ाई, ओंठ कटे को लेकर लोग मजाक भी बनते थे. लेकिन इन्होंने कभी इस चीज को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया

नवल जब छठी क्लास में पढ़ रहे थे उस दौरान उनके पिता  पैरालाइज हो गए फिर पुनः अकेले मजदूरी की ( रात में पढ़ाई दिन में मजदूरी) पिता की मौत के मौत के बाद किसी तरह सरकारी स्कूल से मैट्रिक इंटर पास कर एक प्राइवेट इति में एडमिशन करवा लिया ITI में एडमिशन के एक ही महीना बाद ट्रेनर बन गया और वहीं से 2 से 3 सौ का पेमेंट पाने लगा साथ ही ITI का साफ सफाई (प्यून) का काम कर पढ़ाई में मेहनत करके क्लास टॉप हुआ किसी तरह आस पास के सहयोग लेकर कर्ज के साथ पुरानी बेल्डिंग मशीन खरीद कर के आस पास में ग्रिल ये सब बिल्डिंग का काम किया फिर मुख्यमंत्री SC-ST उद्यमी योजना से लोन ले करके आज अपना कारखाना खोल दिया आज लगभग 10 लोगों को रोजगार दे रहे है. लाखों का रोजगार कर रहा है. और महीने का 30 से 40 हज़ार कमा रहे है.

नवल ने लोकल 18 को बताया कि हम बचपन से ही पढ़ने में संघर्षशील थे कि हमको पढ़ना है और पढ़ कर कुछ बनना है लेकिन मेरा आर्थिक व्यवस्था खराब होने के कारण बीच बीच में मेरा पढ़ाई छूट जाता था फिर भी पढ़ाई जारी रखे चौथा से छठी क्लास तक पढ़ाई कर लिए फिर मेरे पिता पैरालाइज हो गए उस दौरान मेरे कटे होंठ का ऑपरेशन हुआ था फिर मेरे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेवारी आ गई जिसके बाद हम ग्रामीण मुखिया के सहयोग से ITI में एडमिशन लिए और उस समय हम ITI को RTI बोलते थे ITI क्या होता है मुझे पता भी नहीं था वही ITI पूरा करने के बाद हम ठान लिए कि कुछ करना है फिर सोचे किसी बड़े कंपनी में नौकर बनने से अच्छा है कि अपने छोटे से कंपनी में मालिक बने फिर हम मुख्यमंत्री SC-ST उद्यमी योजना से लोन लिए और आज एक अलमारी का कारखाना चला रहे है साथ की 8 से 10 लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 15:43 IST

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