बच्चों के एग्जाम फोबिया को कैसे करें दूर? मनोचिकित्सक से जानिए सरल उपाय

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Agency:News18 Chhattisgarh

Last Updated:February 07, 2025, 22:25 IST

Board Exam Tips: परीक्षा का नाम सुनते ही बच्चों के मन में भय उत्पन्न होना आम बात है. इसको एंजायटी या एग्जाम फोबिया कहा जाता है. मनोचिकित्सक के मुताबिक बच्चों में तनाव दूर करने के लिए थेरेनी का सहारा ले सकते हैं...और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • परीक्षा का डर दूर करने के लिए थेरेपी लें.
  • पर्याप्त नींद और सकारात्मक वातावरण जरूरी.
  • स्टडी प्लान बनाएं और छोटे ब्रेक लें.

कोरबा: सीबीएसई और सीजी बोर्ड की परीक्षाएं नजदीक है, और परीक्षा का नाम सुनते ही बच्चों के मन में एक अज्ञात भय उत्पन्न हो जाता है. इसे एंजायटी या एग्जाम फोबिया कहा जाता है. कई बार बच्चे अच्छी तैयारी होने के बावजूद परीक्षा के तनाव के कारण चीजें भूल जाते हैं, या डर के कारण तैयारी ही नहीं कर पाते. परीक्षा को लेकर बच्चों में होने वाले डर के विषय पर Local 18 ने मनोचिकित्सक से बात की. मनोचिकित्सक डॉ. नीलिमा महापात्रा ने बताया कि एग्जाम फियर बच्चों में एक आम समस्या है.

स्वाभाविक है कि जिन बच्चों की तैयारी अधूरी होती है, वे डरते हैं. लेकिन, कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि अच्छी तरह पढ़ने के बावजूद बच्चे परीक्षा का नाम सुनते ही डर जाते हैं. यह बच्चों के लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है. ऐसे में बच्चों को किसी मनोचिकित्सक से परामर्श कराना चाहिए ताकि वे डर का सामना करना सीख सकें.

थेरेपी से बच्चे करेंगे बेहतर प्रदर्शन

डॉ. महापात्रा का कहना है कि यदि बच्चे पढ़ने के बावजूद परीक्षा के नाम से डरते हैं या डर के कारण पढ़ नहीं पाते, तो उन्हें डॉ. महापात्रा ने बताया की से परामर्श लेना चाहिए. थेरेपी के माध्यम से बच्चे डर से लड़ना सीखते हैं और बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं. थेरेपी बच्चों को तनाव से निपटने के तरीके सिखाती है और परीक्षा के दौरान शांत रहने में मदद करती है.

ऐसे करें एग्जाम फोबिया को दूर

डॉ. महापात्रा ने बताया कि परीक्षा का डर एक आम समस्या है, लेकिन सही रणनीति अपनाकर इसे दूर किया जा सकता है. सबसे पहले, एक स्टडी प्लान बनाएं. हर विषय को समान महत्व दें और रिवीजन के लिए समय निकालें. पढ़ाई के दौरान छोटे ब्रेक लेना आवश्यक है. हर घंटे बाद कुछ मिनटों के लिए उठें, स्ट्रेच करें, या मनपसंद गतिविधि करें. इससे थकान कम होगी और एकाग्रता बनी रहेगी. अपनी स्टडी टेबल में  विषयों को बदल-बदल कर पढ़ें. इससे किसी एक विषय से ऊब नहीं होगी और सभी विषयों पर ध्यान केंद्रित रहेगा.

अभिभावक बच्चों को करें प्रोत्साहित

डॉ. महापात्रा ने बताया कि परीक्षा के दौरान पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है. 8-9 घंटे की नींद दिमाग और शरीर को आराम देती है और थकान को दूर करती है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दूसरों से अपनी तुलना ना करें. हर व्यक्ति की सीखने की गति अलग होती है. अपनी तैयारी पर ध्यान दें और सकारात्मक रहें. वहीं मनोचिकित्सक ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को प्रोत्साहित करें और उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि वे सफल हो सकते हैं. डर को दूर करने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक और सहायक वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है.

Location :

Korba,Chhattisgarh

First Published :

February 07, 2025, 22:25 IST

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