Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 10, 2025, 21:00 IST
दरभंगा के रहने वाले आयुष लोहारुका का प्रदर्शन U23 में शानदार रहा. 800 से अधिक रन बनाएं. इस प्रदर्शन के आधार पर रणजी के इस सीजन के लिए टीम में सेलेक्शन हुआ. हरियाणा के खिलाफ डेब्यू मैच खेलते हुए आयुष का प्रदर्शन...और पढ़ें
आयुष लोहारुका
हाइलाइट्स
- आयुष लोहारुका ने रणजी में 315 रन बनाए.
- आयुष ने अपने पहले रणजी शतक कोच और परिवार को समर्पित किया.
- पिता के सपनों को साकार करने के लिए आयुष कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
पटना:- भले ही बिहार टीम के लिए रणजी ट्रॉफी 2024-25 का सत्र खास नहीं रहा, लेकिन 21 वर्षीय बल्लेबाज आयुष लोहारुका ने कड़ी मेहनत का नमूना पेश करते हुए अपनी बल्लेबाजी से सबका ध्यान आकर्षित किया. अपने डेब्यू मैच में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद, उन्हें अगले मुकाबले में टीम से बाहर कर दिया गया. लेकिन जब चौथे मैच में दोबारा मौका मिला, तो उन्होंने शानदार बल्लेबाजी से यह साबित कर दिया कि उनमें काबिलियत की कोई कमी नहीं है. इसके बाद आयुष ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया, रणजी का पहला शतक भी जड़ा और टीम के लिए अहम रन जोड़े.
लोकल 18 से खास बातचीत में आयुष ने बताया कि उनके क्रिकेट प्रेम की जड़ें उनके पिता से जुड़ी हैं. उन्होंने कहा कि पापा मुझे हमेशा क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित करते हैं. जब भी मैं बल्लेबाजी करने उतरता हूं, तो यही सोचता हूं कि मेरी दिवंगत मां और भाई मुझे देख रहे हैं. उन्हें और अपने पिता को गर्व महसूस कराने के लिए मैं हर बार अपना बेस्ट देने की कोशिश करता हूं.
डेब्यू मैच में प्रदर्शन रहा खराब
दरभंगा के रहने वाले आयुष लोहारुका का प्रदर्शन U23 में शानदार रहा. 800 से अधिक रन बनाएं. इस प्रदर्शन के आधार पर रणजी के इस सीजन के लिए टीम में सेलेक्शन हुआ. हरियाणा के खिलाफ डेब्यू मैच खेलते हुए आयुष का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार नहीं रहा. इसके बाद उनके टीम से ड्रॉप कर दिया गया. लेकिन चौथे मैच में उनको फिर से मौका दिया गया. इस मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए दो अर्धशतक और शतक भी जड़ दिया. यह सभी रन तब आएं, जब बिहार की टीम बेहद दवाब में थी.
इसपर आयुष लोहारुका ने बताया कि टीम का माहौल बहुत बढ़िया है. कोच अशोक सर सभी खिलाड़ियों को काफी मोटीवेट करते हैं. जब खिलाड़ी का कॉन्फिडेंस गिरता है, तो अशोक सर उसमें काफी मदद करते हैं. पहले मैच के बाद ड्रॉप होने के बाद मेरा भी कॉन्फिडेंस गिरा था. लेकिन कोच अशोक सर ने मोटिवेट किया. उन्होंने दोबारा मौका दिया और बोला कि अपना बेस्ट दो, तुम पर भरोसा है. साथ ही बीसीए की तरह से अध्यक्ष राकेश सर भी सभी खिलाड़ियों को काफी सपोर्ट करते हैं. आने वाला समय बीसीए और हम खिलाड़ियों के लिए बेहद शानदार होने वाला है.
पहला शतक, अपनों के नाम
आयुष ने अपने फर्स्ट क्लास करियर का पहला शतक उन खास लोगों को समर्पित किया, जिन्होंने उनके क्रिकेट सफर में अहम भूमिका निभाई. इस लिस्ट में उनके कोच रॉबिन सर, पिता और दिवंगत मां और भाई हैं. आयुष कहते हैं कि यूपी के खिलाफ जब मैंने सेंचुरी पूरी की, तो वह पल मेरे लिए बेहद इमोशनल था. जब खुद पर भरोसा कम होने लगा था, तब रॉबिन सर ने मुझमें विश्वास रखा और हिम्मत दी.
पिता भी हैं क्रिकेट के शौकिन
आयुष के पिता खुद क्रिकेट के बड़े शौकीन रहे हैं और शायद इसी वजह से आयुष का भी इस खेल के प्रति रुझान बढ़ा. आयुष बताते हैं कि पापा हमेशा कहते हैं कि तुम बस खेलते जाओ, बाकी सब मैं संभाल लूंगा. अपने पिता के प्रति गहरा लगाव व्यक्त करते हुए आयुष कहते हैं कि जो भी मेरे पास है या आगे मिलेगा, वह सब उन्हीं की देन है.
बचपन से था क्रिकेटर का जुनून
आयुष को बचपन से ही क्रिकेट से लगाव था. स्कूल की स्लैम बुक में क्रिकेटर बनना ही लिखते थे. क्रिकेट के प्रति इस लगाव को देखते हुए परिवार भी उनका पूरा समर्थन करता था. माता-पिता और भाई हमेशा उनके हौसले को बढ़ाते थे. सभी का सपना था कि एक दिन आयुष भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी में नजर आए. लेकिन जिंदगी ने अचानक एक बड़ा इम्तिहान लिया. आयुष की मां और भाई का असमय निधन हो गया. यह समय उनके हौसले को झकझोर देने वाला था. लेकिन तब उनके पिता ने उनका हाथ थामा, कंधे पर हाथ रखा और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
आयुष Local 18 को बताते हैं कि जब भी मैं मैदान पर उतरता हूं, तो ऐसा महसूस होता है कि मां और भाई मुझे देख रहे हैं. यह एहसास मुझे और ज्यादा मेहनत करने की ताकत देता है. आयुष के लिए यह सफर अभी शुरू हुआ है. आगे बहुत कुछ सीखना और करना बाकी है.
ये भी पढ़ें:- जमीन सर्वे का काम हुआ ठप, अब इस तारीख तक नहीं कर पाएंगे ऑनलाइन आवेदन, जानें पूरा माजरा
कैसा रहा आयुष का पहला रणजी
आयुष लोहारुका का रणजी डेब्यू हरियाणा के खिलाफ हुआ. इस मैच के पहले इनिंग में मात्र 3 रन और दूसरे इनिंग में 0 रन बनाएं. दूसरा मुकाबला बंगाल के साथ बारिश की भेंट चढ़ गया. तीसरे मुकाबले में आयुष को ड्रॉप किया गया. इसके बाद चौथे मुकाबले में मध्य प्रदेश के खिलाफ खेलने का मौका मिला. पहली पारी में 76 और दूसरी में 01 रन बना पाएं. इसके बाद पंजाब के खिलाफ 63 रन और 0 रन, फिर उत्तर प्रदेश के खिलाफ 101 रन और 49 रन बनाएं. इसके बाद सीजन का आखिरी मुकाबला केरल के साथ हुआ, जिसमें 13 और 09 रन बनाया. कुल टोटल, आयुष ने अपने पहले रणजी में 05 मैच खेलते हुए 315 रन बनाए.
First Published :
February 10, 2025, 21:00 IST