बरसात हो या सर्दी...अब किसी भी मौसम में फसलें नहीं होंगी खराब, जानिए तकनीक

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प्रतीकात्मक

प्रतीकात्मक तस्वीर 

पश्चिम चम्पारण. यदि आप एक किसान हैं और मौसम के प्रतिकूल प्रभाव की वजह से फसलों की बर्बादी से परेशान हो चुके हैं, तो आज हम आपको खेती की एक ऐसी तकनीक के बारे में बताएंगे, जिसे गिने चुने किसानों द्वारा ही अपनाया जाता है. इस तकनीक से खेती में आप बिन मौसम सब्ज़ियों की खेती कर सकते हैं और वो भी मौसम के प्रतिकूल प्रभाव के बिना. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि पॉलीहाउस के माध्यम से कोई भी किसान फसलों और सब्जियों की अच्छी खेती कर सकता है. खेतों की तुलना में पॉलीहाउस में खेती से उत्पादन तीन गुना तक ज्यादा होता है. साथ ही फसलों की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है. जहां तक बात इसमें आने वाले खर्च की है, तो ये बिलकुल भी महंगा सौदा नहीं है. इसके उपयोग पर सरकार भी 50 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है.

जिले के मझौलिया स्थित माधोपुर कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा पॉलीहाउस में शिमला मिर्च और टमाटर की खेती की गई है. आश्चर्य की बात यह है कि खेतों की तुलना में पॉलीहाउस में 3 से 4 गुना ज्यादा फसलों का उत्पादन हुआ है. साथ में फसलों की क्वालिटी भी बेहद उम्दा हुई है. ऐसे में किसान इस प्रमाणित तकनीक को अपनाकर फसलों का उत्पादन और अपनी आय को 4 गुना तक बढ़ा सकते हैं.अच्छी बात यह है कि पॉलीहाउस के जरिए किसान, बिना मौसम के भी सब्जियों की खेती कर सकते हैं. इससे फसलों पर मौसम का प्रतिकूल प्रभाव बिल्कुल भी नहीं पड़ेगा.

फसलों पर नहीं पड़ेगी मौसम की मार
माधोपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ.अभिषेक प्रताप ने बताया कि बाजार में जहां अप्रैल माह के बाद शिमला मिर्च दिखना बंद हो जाता है और खेतों में टमाटर सड़ने लगते हैं, वहीं केवीके के पॉलीहाउस में ये सब्जियां (200 किलो टमाटर, 200 किलो शिमला मिर्च) बड़ी मात्रा तथा अच्छी हालत में लहलहा रही थीं.सही कहा जाए तो ये सब पॉलीहाउस की वजह से ही संभव हो पाया है.

बेहद कम खर्च में तैयार हो जाता है पॉलीहाउस 
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो, ज्यादातर किसानों को लगता है कि पॉलीहाउस को बनवाने में अत्यधिक खर्चा लगता है, जिसे वो उठा नहीं सकते हैं. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. दरअसल किसान, बांस के फ्रेम पर भी पॉलीहाउस का निर्माण करवा सकते हैं. लोहे के फ्रेम पर पॉलीहाउस के निर्माण में खर्च ज्यादा आता है, लेकिन बांस द्वारा पॉलीहाउस के निर्माण में खर्च उम्मीद से भी कम आता है.

मिल रहा है सरकारी अनुदान 
जहां तक बात काम की है, तो दोनों पॉलीहाउस उतने ही कारगर होते हैं. अच्छी बात यह है कि सरकार द्वारा भी इसके निर्माण के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. ऐसे में यदि आप एक बार पॉलीहाउस बनवा लेते हैं तो हल्की फुल्की मेंटेनेंस कर 15 वर्षों तक अच्छी कमाई कर सकते हैं.

Tags: Bihar News, Local18, Saran News

FIRST PUBLISHED :

October 9, 2024, 12:33 IST

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