बलिया में पागल हुआ विकास, VDO के हाथ की कठपुतली बना IGRS सिस्टम

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News 18 section के कैमरे पर आए ग्रामवासी 

बलिया: उत्तर प्रदेश सरकार ने जनहित के लिए बड़ी पहल करते हुए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया था जिसका नाम आइजीआरएस यानी एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली था. इसका उद्देश्य यही था कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा जनता की समस्या समय से दूर की जाएगी और वह लोगों की शिकायतों को अनदेखा-अनुसना नहीं कर सकेंगे और उन्हें निर्धारित समय में उसका जवाब देना ही पड़ेगा. लेकिन बलिया के सरकारी कर्मचारियों ने इस सिस्टम का मजाक बनाकर रख दिया है. अब यह IGRS सिस्टम भी उन्हीं सरकारी कर्मचारियों की भाषा सीख गया है.

बलिया के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के IGRS पोर्टल को भी अपने काबू में कर उसका मजाक बनाकर रख दिया गया है. सरकार की छवि को धूमिल करने वाले ग्राम सचिव की पोल तब खुल गई जब ग्रामवासियों ने दर्ज शिकायत के रिप्लाई पर नजर डाला तो दंग रह गए. इसके बाद तो गांव के लोग मिलकर हाथ में झाड़ू और फ़ावड़ा लेकर सड़क पर निकल पड़े. जब उनसे कारण पूछा गया तो ग्रामवासियों ने कहा कि यहां विकास पागल हो गया है. इसलिए वो लोग झाड़ू औऱ फावड़ा लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर हैं.  लोगों का कहना है कि यहां IGRS सिस्टम भी यहां के सरकारी कर्मचारियों की तरह ही बर्ताव करने लगा है.

जान जाने की आई नौबत, आना जाना हुआ दुश्वार
ग्रामवासियों सौरभ श्रीवास्तव, जितेंद्र दुबे, परशुराम मिश्रा, कृष्ण मोहन तिवारी और दीपक तिवारी ने बताया कि, “उनके गांव तीखमपुर में बज बजाती नाली, जल जमाव और गंदगियों का अंबार है. इससे मच्छरों का आतंक बढ़ गया है. आए दिन कोई न कोई बीमार होकर जिला अस्पताल में भर्ती होने को मजबूर है. इसकी शिकायत ग्राम वासी प्रधान के साथ ही सचिव (ग्राम विकास अधिकारी) से भी कई बार कर चुके हैं. जब इनसे शिकायत के बाद कुछ नहीं हुआ तो अंत में यह ग्रामवासियों ने समस्या के समाधान के लिए आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई.

ग्रामवासियों का आरोप है की ग्राम विकास अधिकारी आइजीआरएस पोर्टल को भी नहीं मानते और फर्जी रिपोर्ट लगाकर समस्या का समाधान दिखाने का प्रयास किए हैं. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश पनपा. आरोप यह भी है कि ग्राम विकास अधिकारी एक महीने में तीन से चार दिन ही ऑफिस में बैठते हैं.

क्या बोले ग्राम विकास अधिकारी/सचिव
ग्राम विकास अधिकारी मनोज कुमार के बताया कि IGRS पोर्टल पर शिकायत दर्ज हुई थी जिसके संदर्भ में ग्राम प्रधान से जानकारी मिली कि नालियों की सफाई और पाउडर का छिड़काव कर समस्या का समाधान किया गया है. इसी आधार पर उन्होंने रिपोर्ट लगाई है. ग्राम विकास अधिकारी ने कहा कि अभी जानकारी मिली है कि समस्या जस की तस बनी हुयी है जिसकी वो खुद जांच कराएंगे. लोगों का यह भी कहना है कि ग्राम विकास अधिकारी जब खुद ग्रामीण स्तर पर ही कामकाज की जिम्मेदारी संभालते हैं तो वो जांच किससे कराएंगे. ग्रामीणों का कहना है कि जब ग्राम विकास अधिकारी उसी गांव के समस्या की जांच कर रिपोर्ट नहीं लगा पा रहा है जिस गांव का वो सचिव है तब इस सिस्टम और उसके कर्मचारियों को क्या कहा जाए.

कम हैं सफाई कर्मचारी
ग्राम प्रधान सुमंत पांडेय ने कहा कि, उनके गांव में कई मुहल्ले हैं जिसके मुताबिक कर्मचारी कम हैं. उन्होंने बताया कि ग्राम वासियों की हर समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए वो जिलाधिकारी से मिलकर बात करेंगे. इस पर ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान आखिर अभी तक क्या कर रहे थे जब ग्रामीण सड़क पर निकलने को मजबूर हुए तब वह डीएम से मिलकर शिकायत करने की बात कर रहे हैं.

Tags: Ballia news, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 15:05 IST

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