बागेश्वर में छाई ताम्रनगरी, अल्मोड़ा के तांबे के बर्तनों की जबरदस्त डिमांड

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Agency:News18 Uttarakhand

Last Updated:January 23, 2025, 06:32 IST

Copper Utensils: पिछले 10 साल से वह तांबे के बर्तन बनाने और बेचने का काम कर‌ रहे हैं. इस धातु के बर्तनों को बेचने के लिए उन्हें प्रचार-प्रसार की जरूरत नहीं पड़ती है. लोग खुद बर्तन खरीदने दुकान पर आते हैं. वर्तम...और पढ़ें

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तांबे

तांबे के बर्तन.

बागेश्वर. उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में तांबे के बर्तन सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं. खासतौर पर कुमाऊं के अल्मोड़ा जिले में बने तांबे के बर्तनों को शुद्धता में बेस्ट माना जाता है, इसलिए इन बर्तनों की डिमांड उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि देशभर में रहती है. ठीक इसी प्रकार अल्मोड़ा में बने तांबे के बर्तनों की बागेश्वर में खूब डिमांड रहती है. दरअसल इन दिनों बागेश्वर में व्यापारिक उत्तरायणी मेला चल रहा है. इस दौरान अल्मोड़ा से आए व्यापारी हाथ से बने तांबे के बर्तन बेच रहे हैं. ऐसे में बागेश्वर के लोग तांबे के बर्तनों की खूब डिमांड कर रहे हैं.

अल्मोड़ा से बागेश्वर आए व्यापारी राकेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि अल्मोड़ा को ताम्रनगरी भी कहा जाता है. यहां के टम्टा मोहल्ले में तांबे के बर्तन बनाए जाते हैं. कच्चा माल बाजार से लेकर तांबे के बर्तनों को यहां हाथ से तैयार किया जाता है. हमारी दुकान में तांबे का सारा सामान हस्तनिर्मित है. तांबे के बर्तनों में हमारे पास गिलास, दीया, लोटा, कटोरा, फिल्टर, थाली, तौला, गागर, परात, भोकर, पूजा थाली, हवन कुंड आदि हैं. वह पिछले 10 साल से तांबे के बर्तन बनाने और बेचने का काम कर‌ रहे हैं. तांबे के बर्तनों को बेचने के लिए उन्हें प्रचार-प्रसार की जरूरत नहीं पड़ती है. लोग स्वयं बर्तन खरीदने दुकान पर आते हैं. वर्तमान में एक किलो तांबे की कीमत 1000 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक है. तांबे का कच्चा माल महंगा है. फिर बनवाई में अधिक मेहनत की वजह से तांबा थोड़ा महंगा जरूर होता है लेकिन शुद्धता में तांबे के बर्तनों को अन्य धातु के बर्तन मात नहीं दे सकते हैं. हम हमेशा कोशिश करते हैं कि लोगों को रीजनेबल दाम में बर्तन बेच सकें.

हाथ से बने बर्तन ज्यादा शुद्ध
उन्होंने कहा कि हाथ से बने तांबे के बर्तनों में शुद्धता ज्यादा होती है. ये बर्तन मशीन में बने बर्तनों से 100-200 रुपये अधिक महंगे होते हैं. तांबे के व्यापारी के पास 300 रुपये के गिलास से लेकर 10 से 15 हजार रुपये की परात और 20 हजार रुपये का तौल उपलब्ध है. बागेश्वर मेले में आने वाले लोग उनके पास से काफी सामान खरीद रहे हैं. राकेश कुमार का कहना है कि मेले में उनका अच्छा व्यापार हो रहा है. बागेश्वर के अलावा वह व्यापार के लिए दिल्ली, हल्द्वानी, रामनगर, हरिद्वार, लखनऊ, लोहाघाट, पिथौरागढ़ भी जाते हैं, जहां के मुकाबले बागेश्वर में उनके तांबे के बर्तनों की अच्छी बिक्री होती है. इसलिए वह जनवरी 14 जनवरी से लेकर 27-28 जनवरी तक बागेश्वर में अस्थायी दुकान लगाते हैं.

Location :

Bageshwar,Uttarakhand

First Published :

January 23, 2025, 06:32 IST

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बागेश्वर में छाई ताम्रनगरी, अल्मोड़ा के तांबे के बर्तनों की जबरदस्त डिमांड

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