युवा कवि प्रभात किरण हिमांशु का लाखों लोग हैं दीवाने,
छपरा: बिहार भारत को वो राज्य है जहां ज्ञान की भूमि स्थित है. प्रदेश का छपरा शहर भी ऐतिहासिक स्थलों और विरासत के तौर पर जाना जाता है. कवियों और गायकों ने भी छपरा के इतिहास को अपने गीतों और कविताओं के माध्यम से जनता तक पहुंचाने की कोशिश की है. इसी कड़ी में छपरा के बड़ा तेलपा हवाई अड्डा निवासी युवा कवि प्रभात किरण हिमांशु ने अपनी कविता के जरिए छपरा के इतिहास और वर्तमान स्थिति पर अलग अंदाज में रौशनी डाली है.
प्रभात की कविता की खासियत
प्रभात किरण हिमांशु ने अपनी कविता के जरिए से न सिर्फ छपरा के इतिहास को उजागर किया है, बल्कि शहर की कुव्यवस्थाओं पर भी करारा चोट की है. उनकी कविता “छपरा में का बा” सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसे अब तक 2 मिलियन से ज्यादा लोग इसे देख चुके हैं.
कविता में ऐतिहासिक स्थलों का जिक्र
प्रभात ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने अपनी कविता में सारण के सभी ऐतिहासिक स्थलों को समेटने की कोशिश की है. कविता में सोनपुर के हरिहरनाथ मंदिर, चिरांद के मौर्य ध्वज किला, रिविलगंज के गोदना सेमरिया व गौतम ऋषि आश्रम, सिताबदियारा के लोकनायक जयप्रकाश नारायण का गांव, मढौरा के शिल्हौड़ी मंदिर और आमी के अंबिका भवानी मंदिर का जिक्र किया गया है.
जन समस्याओं और अधूरे विकास पर चोट
प्रभात ने कविता के माध्यम से जिले में आधी-अधूरी विकास योजनाओं से हो रही परेशानियों और जन समस्याओं को भी उजागर किया है. उन्होंने फोरलेन के अधूरे निर्माण कार्यों और बालू लदे वाहनों के परिचालन से हो रही समस्याओं को कविता में बखूबी उकेरा है.
शिक्षा और संस्कृति पर टिप्पणी
उनकी कविता में जेपीयू (जयप्रकाश विश्वविद्यालय) के लेट चल रहे सेशन और भोजपुरी गीतों में बढ़ती अश्लीलता का भी जिक्र है. प्रभात ने बताया कि उनकी कई अन्य कविताएं भी समाज में हो रही घटनाओं और स्थानीय विधि-व्यवस्था पर आधारित हैं, जो समाज में सुधार की दिशा में एक संदेश देने का प्रयास करती हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 1, 2024, 17:00 IST