Last Updated:February 09, 2025, 08:25 IST
Delhi Election Result- दिल्ली को आम आदमी पार्टी (AAP) से छीनने को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मतदाताओं से कई महत्वाकांक्षी वादे किए. इन वादों को पूरा करने और आप की कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने पर भारी-भरकम ...और पढ़ें
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दिल्ली सरकार को सरकार को जो आय होती है उसका दो-तिहाई से अधिक हिस्सा वेतन और स्थापना लागत पर खर्च हो जाता है.
हाइलाइट्स
- नई दिल्ली का चालू वित्त वर्ष का बजट 76,000 करोड़ रुपये का है.
- राजस्व संग्रहण का अनुमान 58,750 करोड़ रुपये लगाया है.
- चुनावी वादे पूरे करने पर भारी-भरकम खर्च करना होगा.
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को पटखनी दे दिल्ली की सत्ता पर कब्जा कर लिया है. अरविंद केजरीवाल को मात देने के लिए भाजपा ने भी मतदाताओं से कई महत्वाकांक्षी वादे किए. इनमें महिलाओं और बुजुर्गों को हर महीने पेंशन देना और गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रमुख है. केजरीवाल सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने और भाजपा द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए नई सरकार को करीब 25000 करोड़ रुपये सालाना खर्च करना होगा. इसीलिए अब यह सवाल भी उठ रहा है कि इस भारी-भरकम रकम का जुगाड़ कहां से होगा. दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में कुल कर राजस्व संग्रहण का अनुमान 58,750 करोड़ रुपये लगाया है, जबकि पिछले साल यह 53,680 करोड़ रुपये था.
नई दिल्ली का चालू वित्त वर्ष का बजट 76,000 करोड़ रुपये का है. बजट में सबसे शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा पैसा (16,396 करोड़ रुपये) दिया गया है. इसके बाद आवास और शहरी विकास के लिए 9,800 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 8,685 करोड़ रुपये, परिवहन अवसंरचना के लिए 7,470 करोड़ रुपये, जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए 7,195 करोड़ रुपये और सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए 6,694 करोड़ रुपये रखे गए. खास बात यह है कि सरकार को जो आय होती है उसका दो-तिहाई से अधिक हिस्सा वेतन और स्थापना लागत पर खर्च हो जाता है. यही कारण है कि पिछले साल वित्त विभाग ने पहली बार घाटे में जाने की चिंता व्यक्त की थी. करों , गैर-कर स्रोतों और केंद्रीय प्राप्तियों से राजस्व में गिरावट का अनुमान चालू वित्त वर्ष में है. इन मदों से राजस्व प्राप्तियां 2024-25 वित्तीय वर्ष के अंत तक 64,142 करोड़ रुपये से 62,415 करोड़ रुपये तक हो सकती है.
भाजपा के वादे
दिल्ली को आम आदमी पार्टी (AAP) से छीनने को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मतदाताओं से कई महत्वाकांक्षी वादे किए. इनमें महिलाओं को मासिक 2,500 रुपये की गारंटी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मासिक 2,500 रुपये की पेंशन (70 साल से ऊपर के लिए 3,000 रुपये), गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये और केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा प्रमुख हैं. नई सरकार के सामने इन वादों के लिए वित्तीय व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है.
गरीब महिलाओं के लिए मासिक 2,500 रुपये के वादे से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ने की संभावना है. आप द्वारा पहले प्रस्तावित एक समान योजना में लगभग 38 लाख महिलाएं पेंशन पाने की योग्य पाई गई थी. इसका वार्षिक खर्च 11,000 करोड़ रुपये अनुमानित था. वहीं बुढापा पेंशन की बात करें तो चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 60 साल से ऊपर के 24,44,476 निवासी हैं, जिनमें से 13,78,797 लोग 2,500 रुपये (60-69) की श्रेणी में आते हैं. इस पेंशन योजना के लिए वार्षिक आवंटन 4,100 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. इसके अलावा आप सरकार की मुफ्त पानी और बिजली योजनाओं को जारी रखने के लिए 11,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.
कहां से होगा पैसे का जुगाड़
दिल्ली की भाजपा सरकार को अपने वादों को पूरा करने के लिए मार्च में बजट पेश करने से पहले वित्तीय योजना बनानी होगी. दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा दावा करते रहे हैं कि पैसा जुटाना बड़ी बात नहीं है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार पहले भी कई योजनाओं में वित्तीय सहायता दे चुकी है, लेकिन AAP सरकार ने इनका लाभ जनता तक नहीं पहुंचाया. अब बीजेपी सरकार बजट में धन की व्यवस्था करेगी, रिसाव को रोकेगी और भ्रष्टाचार समाप्त करके कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसों का प्रबंध करेगी.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 09, 2025, 08:25 IST